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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दावा, राज्य में संक्रमण काबू में, जनता को घबराने की जरूरत नहीं, कोरोना संकट से निपटने रणनीति और मॉडल पर दी यह जानकारी 

रायपुर / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना की महामारी से निपटने राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी साझा की है । उन्होंने कोरोना के संक्रमण और बचाव के लिए छत्तीसगढ़ में किये जा रहे उपायों पर विस्तार से बताया | मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में महामारी से लड़ाई में छत्तीसगढ़ में अपनाए गए मॉडल की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में हालात नियंत्रण में है | 

उन्होंने बताया कि विश्व में फैल रही महामारी को देखते हुए 13 मार्च को कैबिनेट की बैठक लेकर इससे निपटने की रणनीति बनाई गई थी । जिसके तहत सभी स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्र, मॉल, सिनेमाघर बंद करने के साथ ही परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं थी । यहीं नहीं सभी कार्यालयों में बॉयोमेट्रिक उपस्थिति स्थगित कर दिया गया। बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी। राज्य में सभी तरह के कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि 18 मार्च को राज्य में कोरोना का पहला पॉजिटिव केस सामने आते ही तत्काल प्रदेश में लॉक डाउन किया गया। प्रदेश की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया, बाहरी राज्यों से बस परिवहन रोक दिया गया। वहीं राज्यभर में जागरूकता अभियान चलाया गया। लोगों की सोशल डिस्टेनसिंग की जानकारी दी गयी। इस त्वरित कार्रवाई से प्रदेश में संक्रमण के कम मामले सामने आए हैं। 

सीएम बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में विदेशों से यात्रा कर लौटे 2100 लोगों की भी त्वरित जांच की गई। वहीं, हजारों लोगों को कोरंटाइन किया गया है। अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों पर भी नजर रखी गयी। उनकी भी जांच कर सभी सुविधाओं से युक्त 2100 कमरों की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि 14 अप्रैल के बाद आगे की कार्रवाई पर प्रधानमंत्री से चर्चा और छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जनधन खाते में प्रत्येक परिवार को 500 रुपये दिए जाने के बजाए हर सदस्य को दिया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने एक बार में तीन महीने के लिए अग्रिम राशि देने का अनुरोध किया। वहीं, उन्होंने दैनिक मजदूरों को भी एक बार में 3 महीने के लिए 1000 रुपये प्रतिमाह दिए जाने की माँग की। इस दौरान बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की मांगों पर देर से प्रतिक्रिया दी है। साथ ही कहा कि अंतरराज्यीय आवागमन पर किसी भी निर्णय के लिए राज्य को भी भरोसे में लिया जाना चाहिए था।

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