नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल महिलाओं को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में रहते है। मौजूदा दौर में डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरासिया से लेकर अर्चना गौतम के साथ भूपे के संबंध सुर्ख़ियों में रहे है। इस कड़ी में एक नया नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व पदाधिकारी और मौजूदा वक़्त में भाजपा का दामन चुकी महिला नेत्री राधिका खेड़ा से भी जुड़ गया है। हालांकि सयुक्त मध्यप्रदेश के दौर में जब बघेल तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में बतौर राज्य मंत्री कार्यरत रहे तब भी महिलाओं को लेकर उनका नजरिया चर्चा में रहा है। सालों बीत गए भूपे काले घने बाल अब काफी सफ़ेद हो चुके है, लेकिन महिलाओं को लेकर उनके रुख में जरा भी परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है। कई राजनेताओं का मानना है कि ‘बंदर गुलाटी मारना नही छोड़ता’ चाहे वह बूढ़ा क्यों ना हो जाये। ताजा मामला भूपे के पुराने क्रियाकलापों से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में सत्ता का भूत भले ही भूपे के ऊपर से उतर गया हो, लेकिन महिलाओं की भूख अभी भी ख़त्म होती नजर नहीं आ रही है। राजनैतिक गलियारों से मिली खबर के मुताबिक कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भूपे के ‘महिला प्रेम और संरक्षण’ को लेकर पशोपेस में है। उनके व्यवहार को लेकर पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और प्रमुख प्रवक्ता रही राधिका खेड़ा एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान पर हमलावर हैं।
भूपे की कार्यप्रणाली को लेकर राधिका खेड़ा कभी राहुल गांधी तो कभी प्रियंका गांधी पर हमले कर रही हैं। नारी सम्मान के दावों पर खुद की मेहनत को बतौर नारीशक्ति की मिसाल के रूप में कांग्रेसियों को सीख दे रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और मौजूदा लोकसभा चुनाव में रायबरेली के कांग्रेस पर्यवेक्षक भूपे बघेल के खिलाफ ट्वीट कर उनकी चारित्रिक गतिविधियों से जनता को अवगत करवाया है।
भूपे बघेल ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा था, “कांग्रेस की सरकार किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करेगी, युवाओं को 30 लाख सरकारी नौकरियां देगी, सभी युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अधिकार मिलेगा, महिलाओं के खातों में ₹1 लाख आएंगे। INDIA की सरकार आम देशवासियों की सरकार होगी, सबको न्याय देगी।” बीजेपी नेत्री राधिका खेड़ा ने अब इसी ट्वीट का जवाब दिया हैं। खेड़ा ने ट्वीट कर कहा कि- छत्तीसगढ़ में युवाओं को पीएससी फर्जीवाड़ा और बेरोज़गारी भत्ते के मामले में आपने ठगा। महिलाओं को ₹500 देने का वादा करके नही दे पाए, और महिलाओं का सम्मान आप और आपकी पार्टी कितना करती है इसका उदाहरण मैं ही हूं! रायबरेली की भोली भाली जनता को बहकाने की कोशिश न करें कका !!
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश विधान सभा चुनाव में भूपे बघेल ने बतौर स्टार प्रचारक मेरठ विधान सभा सीट पर जमकर गोते लगाए थे। यहाँ उनकी करीबी अर्चना गौतम को टिकट दिलाने के साथ साथ उनकी जीत का वादा भी पार्टी आलाकमान से किया था। लेकिन जब रिजल्ट आया तो कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना गौतम की जमानत जप्त हो गई थी। इस चुनाव के सम्पन होने के बाद भूपे और अर्चना ने कांग्रेस की मजबूती के लिए जमकर पसीना भी बहाया था। उन्हें एक होटल के बंद कमरे में पार्टी की सदयस्ता प्रदान करने के चलते भूपे काफी चर्चित रहे। उनकी विशेष सदस्यता अभियान वाली तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल भी खूब हुई थी।
बताते है कि अर्चना गौतम की सक्रियता के चलते भूपे ने उन्हें रायपुर में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय सम्मेलन में विशेष न्यौता भेजकर अपने क्रियाकलापों में सहभागी भी बनाया था। लेकिन अधिवेशन के दौरान प्रियंका गाँधी के सचिव संदीप सिंह के खिलाफ अचानक अर्चना गौतम ने मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने संदीप के खिलाफ मेरठ में FIR भी दर्ज कराई थी। अब यह FIR छत्तीसगढ़ पुलिस को रायपुर ट्रांसफर कर दी गई है।
चूँकि घटना रायपुर में घटित हुई थी, इसलिए UP पुलिस ने संदीप सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना के लिए मामला छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंप दिया था। बताते है कि इस मामले की लंबित जाँच कांग्रेस आलाकमान के लिए सिर दर्द बन गई है। राज्य की बीजेपी सरकार ने पीड़ित अर्चना गौतम को न्याय दिलाने का भरोसा भी दिलाया है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे और उनकी तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया के संबंधों को लेकर भी कांग्रेस आलाकमान 2018 से लेकर 2023 तक पूरे 5 साल मुश्किलों में घिरा रहा। सौम्या चौरसिया ने बतौर सुपर सीएम के रूप में अपनी सेवाएं दी। बदले में सत्ता का मेवा चखने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी थी। भूपे और सौम्या के संबधों को लेकर कभी राजनीति तो कभी नौकरशाही और तो और कई पत्रकार भी हलकान रहे।
उनके खिलाफ कई फजी प्रकरण दर्ज किये गए, ताकि बंदर रुपी मुख्यमंत्री को गुलाटी खाने का प्रयाप्त सरकारी मौका मिल सके। डिप्टी कलेक्टर स्तर की सरकारी नौकर सौम्या चौरसिया की कार्यप्रणाली से पूरा प्रदेश वाकिफ बताया जाता है। कहते है कि मुख्यमंत्री निवास में सौम्या का जलवा किसी ‘पटरानी’ से कम नहीं था।
यही नहीं घोटालों और अवैध वसूली के लिए भूपे ने उससे ‘गुप्त संबंध’ बना लिए थे। आखिरकार कांग्रेस पार्टी की पोल खुलने में देर नहीं लगी। भूपे राज में कई घोटाले सामने आने के बाद सत्ता से कांग्रेस की विदाई हो गई। उधर सौम्या जेल में और भूपे बघेल बेल में अपनी अपनी राह तय कर रहे है।
सौम्या और भूपे के संबंधों को लेकर नए युग के ‘बिट्टू और बिट्टी’ का अस्तित्व भी जनता के सामने साफ साफ दिखाई देने लगा है। बताया जाता है कि तस्वीरों में नजर आ रहे इन दोनों बच्चों के जैविक माता पिता का कोई अता -पता सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। वर्त्तमान में ये दोनों बच्चे भूपे और सौम्या के संरक्षण में बताये जाते है। इन बच्चों के अस्तित्वों में आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार में भी जमकर खींचतान मची हुई है। बताते है कि एक पीड़ित ने दावा किया है कि भूपे बघेल, सौम्या चौरसिया और उनके पति का डीएनए टेस्ट कराने के बाद ही स्पष्ट होगा कि आखिर कौन इन मासूम बच्चों के असली माँ -बाप है। फ़िलहाल भूपे और महिलाओं के साथ उनके ‘संबंधों’ की लम्बी फेहरिस्त उत्तरप्रदेश की राजनीति में परवान चढ़ रही है।