रायपुर: Chhattisgarh Bureaucracy: छत्तीसगढ़ में नौकरशाही में बड़े फेरबदल के आसार नजर आ रहे है। कई वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के प्रभार में बदलाव की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि विष्णुदेव साय सरकार की इस माह होने वाली कैबिनेट की बैठक कई अधिकारियों के लिए अंतिम हो सकती है। इसके बाद कई वरिष्ठ अफसरों की कुर्सी में बदलाव हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक 1989 बैच के IAS और मौजूदा चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन के स्थान पर 1994 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज पिंगुआ नए चीफ सेक्रेटरी बनाये जा सकते है। 1989 बैच के मौजूदा DGP अशोक जुनेजा के स्थान पर भी नए पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति हो सकती है।
श्री जुनेजा लगभग 2 वर्ष पहले ही रिटायर हो चुके है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2 वर्षों तक के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया था। बताते है कि अगले माह उनका कार्यकाल ख़त्म हो रहा है। हालांकि संविदा नियुक्ति की तर्ज पर नियमों के तहत राज्य सरकार कभी भी उनका कॉन्ट्रेक्ट ख़त्म कर सकती है। जानकारी के मुताबिक डीजीपी पद की नियुक्ति के लिए गृह विभाग ने डीपीसी कर ‘नए पुलिस मुखिया’ का रास्ता साफ़ कर दिया है। वरिष्ठता क्रम में 1992 बैच के आईपीएस अरुणदेव गौतम, 1994 बैच के हिमांशु गुप्ता और इसी बैच के आईपीएस SRP कल्लूरी का नाम शामिल बताया जाता है, जबकि 1994 के पवन देव के खिलाफ विभागीय जांच लंबित होने के चलते वे डीजीपी की रेस से बाहर हो गए है।
हालांकि नए फेरबदल में उन्हें भी महत्वपूर्ण जवाबदारी सौंपे जाने के आसार है। सूत्र यह भी बताते है कि 1990 बैच के आईएफएस और मौजूदा फॉरेस्ट चीफ श्रीनिवास राव की भी छुट्टी हो सकती है। उनके खिलाफ कैम्पा फण्ड के दुरूपयोग समेत कई गंभीर शिकायते लंबित है। कैम्पा फंड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यलय ने भी जांच के निर्देश दिए थे। बताया जाता है कि पूर्ववर्ती भूपे सरकार के कार्यकाल में आधा दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ और योग्य अधिकारियों की श्रेष्ठ कार्यप्रणाली के बावजूद काफी जूनियर श्रीनिवास राव को वन विभाग का मुखिया बनाया गया था। इस राजनैतिक फैसले से वन विभाग का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।
यही नहीं हाल ही में अंजाम दिए गए बलौदाबाजार आगजनी कांड में वन विभाग की भूमिका भी सामने आई थी। बलौदाबाजार के DFO के निर्देश पर ही अमरनाथ गुफा में स्थापित पुराने जैतखंभ के स्थान पर रातों – रात नया जैतखंभ लगाया गया था। इस मामले में कांग्रेस के कुछ नेताओं की भी संलिप्ता सामने आई थी। मामले की जांच जारी है।
इसके साथ ही नई तबादला नीति पर भी कैबिनेट की मुहर लग सकती है। 15 जुलाई से ट्रांसफर की झड़ी लगने के आसार है। बताया जा रहा है कि पहले विधान सभा की गहमागहमी और फिर लोकसभा चुनाव के चलते नौकरशाही में कोई ठोस बदलाव नहीं किया गया था। लेकिन अब बीजेपी सरकार का कामकाज पटरी पर आ गया है।
बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था और सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए बीजेपी संगठन ने सरकार को दिशा निर्देश भी दिए है। इसके तहत नौकरशाही को ज्यादा जवाबदार बनाने के प्रयास शुरू कर दिए गए है। राजनैतिक हलकों से मिली जानकारी के मुताबिक भ्रष्टाचार में लिप्त और दागी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए गए है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों विष्णुदेव साय सरकार का चेहरा – मुहरा नए कलेवर के साथ सामने आएगा। इसमें मोदी सरकार की गारंटी और कानून का राज स्थापित करने पर जोर दिया जायेगा।