news today Cg: कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के निशाने पर छत्तीसगढ़ और राजस्थान, सर्वमान्य फैसले की ओर कांग्रेस, बुधवार को हो सकती है, स्थगित की गई बैठक…

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दिल्ली/रायपुर: प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी से दो-दो हाथ करने जुटी कांग्रेस ने अपने भीतर खानो में भी विवादित मुद्दों को सुलझाना शुरू कर दिया है। मामला छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्री विवाद  से जुड़ा है, दोनों ही राज्यो के मौजूदा मुख्यमंत्री के चेहरो पर ही पार्टी विधानसभा चुनाव 2023 में जनता के बीच जाएगी ? या फिर 2018 की तर्ज पर एक बार फिर नेताओं की तिकड़ी-चौकड़ी को सामने रख कर, ढाई-ढाई साल अथवा तीन-दो साल के चर्चित मुख्यमंत्री के कार्यकाल के फार्मूले को अस्त्तित्व में लाएगी, इसे लेकर मंथन का दौर जारी है।

कर्नाटक से लौटे मल्लिकार्जुन खड़गे ने संकेत दिए है कि दोनों ही राज्यों का विवाद सर्वमान्य फैसले की ओर है, नेता एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करेंगे। राजस्थान से पहले छत्तीसगढ़ में नेतृत्व पर भी पार्टी आलाकमान ने अपनी मुहर लगा दी है। 

सूत्र बताते है कि छत्तीसगढ़ मामले में आलाकमान की राय से प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया गया है। पार्टी प्रभारी कुमारी सैलजा ने हालिया रायपुर दौरा भी किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास में मैराथन बैठक कर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री ताम्रध्वज साहू और टी एस सिंहदेव से गहन चर्चा भी की थी।

इस बैठक को प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि रायपुर से बैठक कर दिल्ली लौटी सैलजा से कई बार प्रेस मीडिया ने राज्य के अंधरुनी हालातों को लेकर चर्चा करनी चाही, लेकिन सैलजा ने पत्रकारों से दूरिया बनाये रखी। वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा की रहस्मय चुप्पी, कई खेमों में चर्चा का विषय बनी हुई है। 

छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राजस्थान में भी मौजूदा मुंख्यमंत्री के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जायेगा ? इस सवाल का जवाब देने में राजस्थान पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मौन है, दोनों ही नेताओं के हाव-भाव से साफ झलक रहा है कि इन राज्यों में नेतृत्व का मुद्दा अभी भी विवादों में है। कांग्रेस मुख्यालय में इन दिनों नई संसद भवन को लेकर मचे कोहराम के बीच राहुल गांधी भी सुर्खियों में है।

खड़गे के साथ लगातार बैठक में व्यस्त राहुल गांधी एक बार फिर पार्टी के महत्पूर्ण मुद्दों को लेकर सक्रिय है, विभिन्न राज्यों के प्रभारियों से नियमित बैठक कर उनकी शिकायतों का फ़ौरन निपटारा, कांग्रेस गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पूर्व महत्पूर्ण मौको पर राहुल की व्यस्ता को लेकर अक्सर सवाल खड़ा करने वाले कई नेता अब राहुल के बदले सुर से गद्गद नजर आ रहे है। उनके मुताबिक राहुल जी ने, मामलों को गंभीरता से सुना, पर्याप्त समय दिया और फ़ौरन खड़गे जी को फोन कर मसला सुलझा भी दिया। 

कांग्रेस के गलियारों से मिल रही खबरों पर यकीन करें तो  कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार और शनिवार को रद्द की गई बैठक इसी हफ्ते तय कर दी गई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान मामलों की बैठक अब बुधवार को होगी। हालांकि इस बैठक की आधिकारिक घोषणा अभी जारी नहीं की गई है। खबरों के मुताबिक छत्तीसगढ़, राजस्थान व मध्य प्रदेश के कई नेता पार्टी मुख्यालय में सक्रिय है। इन राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है। 

कर्नाटक जीत के बाद उत्साहित कांग्रेस अन्य राज्यों के विधानसभा  चुनावों   की तैयारियों में जुट गई है। इसके तहत  छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना व मिजोरम को लेकर दो दिनों तक आयोजित होने वाली बैठकें स्थगित हो गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 9 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित सरकार और बीजेपी के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर पार्टी की तिरछी नजर है। कांग्रेस मुख्यालय में कर्नाटक चुनाव में जीत का डंका अभी भी बज रहा है।

कर्नाटक के कई नेता विभिन्न आयोगों और निगम मंडलों में नियुक्ति के लिए खड़गे के कार्यालय में डटे हुए है। आम दिनों के बजाय इन दिनों 24 अकबर मार्ग में कांग्रेसियों के साथ हरियाणा और पंजाब के कई बड़े किसान नेताओं की मौजूदगी भी चर्चा में है। माना जा रहा है कि चुनावी राज्यों में अब पार्टी द्वारा किसान आंदोलन की नींव रखी जा रही है।

 फ़िलहाल, दिल्ली में जारी सियासी उठापटक के बीच छत्तीसगढ़ में जारी राजनीतिक गतिरोध अब अपने अंतिम पायदान में बताया जा रहा है। सूत्रों पर यकीन करें तो बुधवार को पार्टी किसी बड़े फैसले का ऐलान भी कर सकती है। उधर सत्ताधारी खेमे से जुड़े कई नेता दावा कर रहे है कि राज्य में मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा करेँगे, ऐन चुनाव के पहले मुख्यमंत्री को हटाए जाने की सुग-बुगाहट सिर्फ ख्याली-पुलाव ही है।