हरिद्वार वेब डेस्क / आज 1 जुलाई से चारधाम यात्रा की शुरूआत हो गई है | तीर्थ यात्री बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री और गंगोत्री के दर्शन नियमानुसार कर सकेंगे | हालांकि यह यात्रा केवल उत्तराखंड के लोगों के लिए ही है | जबकि बाहरी राज्यों से आने वाले उत्तराखंड निवासी 14 दिन की क्वारंटीन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही चारधाम की यात्रा कर सकेंगे | कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस बार चारधाम यात्रा के लिए कई मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत नियम बनाए गए है |
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संक्रमण को देखते हुए इस बार चारधाम यात्रा में भक्तों की भीड़ नहीं जुटेगी | जत्थों के रूप में आवाजाही भी नहीं होगी | नए नियम के मुताबिक, बद्रीनाथ में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 लोग ही एक दिन में भगवान के दर्शन कर सकेंगे. जबकि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को किसी भी मंदिर और धाम में जाने की अनुमति नहीं होगी | प्रशासन के मुताबिक इस धार्मिक यात्रा में यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी |
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चारधाम यात्रा पर आने वालों भक्तों के लिए समयसीमा भी निर्धारित की गई है | इसमें श्रद्धालु सुबह सात से शाम के सात बजे तक ही दर्शन कर पाएंगे | दर्शन के लिए टोकन सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है | भक्तों को ये टोकन मुफ्त दिए जाएंगे | दर्शन के दौरान यात्रियों को पुजारी के पास जाना प्रतिबंधित होगा |
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उधर चारधाम यात्रा में कड़ाई बरतने से स्थानीय मंदिर समिति ने नाराज़गी जाहिर की है | इन्होंने कई नियमों का विरोध किया है | समिति का कहना है वो इस फैसले को मानने को बाध्य नहीं है | इसके मुताबिक चारधाम यात्रा में पूजा-पाठ पहले की ही तरह तय हो चूका है |
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जबकि उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों में कोरोना संक्रमण के फैलाव के बावजूद चारधाम यात्रा को मंजूरी देने से कई लोग विरोध कर रहे हैं | उनकी दलील है कि चारधाम यात्रा शुरू होने से कोरोना वायरस फैल सकता है | उनके मुताबिक इससे बचने के कोई ठोस उपाए नहीं किये गए है | जबकि अभी इससे बचने की जरूरत है |