उत्तरप्रदेश वेब डेस्क / गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही आज विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा भी शुरू हो गई । शुभ मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर गंगोत्री धाम और 12 बजकर 41 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोल गए |
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इससे पहले आज सुबह मां यमुना की डोली खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। इस दौरान उन्हें विदा करने के लिए भाई शनिदेव की डोली भी सादगी के साथ निकली। सैकड़ो साल पुरानी परंपरा के अनुसार मुखबा गांव से मां गंगा की भोग मूर्ति को डोली यात्रा को शनिवार को ही गंगोत्री धाम के लिए रवाना कर दिया गया था। भैरोंघाटी स्थित प्राचीन भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद डोली यात्रा आज दोपहर गंगोत्री धाम पहुंची ।
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इस मौके पर पूजा में 21-21 तीर्थ पुरोहित ही शामिल हुए | दरअसल कोरोना संक्रमण की आशंका के मद्देनजर लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते इस बार केवल 21-21 तीर्थ पुरोहित कपाटोद्घाटन में शामिल हो पाए । प्रशासन ने हालात को देखते हुए डोली यात्रा के लिए यही प्रावधान किया था । डोली यात्रा में शामिल लोगो ने इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन किया ।
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डीएम डॉ. आशीष चौहान और पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने न्यूज़ टुडे को बताया कि चार धाम यात्रा अभी प्रतिबंधित है। रविवार को भी जब डोली निकाली गई तो दो लोग ही डोली लेकर चले। उनके साथ दो से तीन और लोग सोशल डिस्टेंस बनाकर धाम के लिए रवाना हुए थे ।
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उन्होंने बताया कि अभी श्रद्धालुओं को धाम में जाने की अनुमति नहीं दी गई है | लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते फिलहाल किसी भी श्रद्धालु को धाम में आने की अनुमति नहीं है। उनके मुताबिक परंपराओं के निर्वहन के लिए सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों को छोड़ कर अन्य किसी को भी धामों में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
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मंदिर समिति के सचिव कृत्तेश्वर उनियाल के अनुसार मंदिर में चुनिंदा पुजारी ही नियमित रूप से पूजा- अर्चना करेंगे। न्यूज़ टुडे को उन्होंने बताया कि धाम में बिजली, पानी, शौचालय आदि बुनियादी व्यवस्थाएं करीब करीब पूरी हैं। जानकीचट्टी से धाम तक पांच किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग का निर्माण कार्य भी पूरा हो चूका है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के रुकने के बाद ही भक्तो के लिए कोई फैसला लिया जाएगा |