Chandipura Virus: गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर, 5 दिन में 6 बच्‍चों की मौत, जानें ये कितना खतरनाक

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नई दिल्‍ली: Chandipura Virus: गुजरात में चांदीपुरा वायरस से संक्रमण का खतरा बढ़ता देख लोग डरे हुए हैं. राज्‍य का स्‍वास्‍थ्‍य विभाग भी वायरस को लेकर अलर्ट मोड में आ गया है. सोमवार को गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल में चांदीपुरा वायरस से छह लोगों की मौत हो गई, जिससे आसपास के राज्‍यों में भी चांदीपुरा वायरस वायरस को लेकर दहशत बढ़ गई है.

हालांकि, गुजरात के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का कहना है कि चांदीपुरा वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की जरूतर है. वैसे बता दें कि चांदीपुरा वायरस का सबसे पहला मामला गुजरात में नहीं बल्कि सालों पहले महाराष्‍ट्र में सामने आया था. गुजरात में चांदीपुर वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. शुरुआत में इसके चार मामले एक ही हॉस्पिटल में सामने आए थे, लेकिन अब इनकी संख्‍या दहाई के अंक में पहुंच गई है.

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सोमवार को बताया कि राज्य में पिछले पांच दिन में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस से छह बच्चों की मौत हो गई है, जिससे संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. इन 12 मरीजों में से चार साबरकांठा जिले से, तीन अरावली से और एक-एक महिसागर तथा खेड़ा से हैं. दो मरीज राजस्थान और एक मध्य प्रदेश से है. इनका उपचार गुजरात में हुआ. राज्य में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण छह लोगों की मौत होने की बात सामने आयी है, लेकिन नमूनों की जांच के नतीजे आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि ये मौत चांदीपुरा वायरस के कारण हुई हैं या नहीं.

गुजरात में चांदीपुर वायरस के केस इस महीने ही सामने आए हैं. हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों ने 10 जुलाई को चार बच्चों की मौत का कारण चांदीपुरा वायरस होने का संदेह जताया था. इसके बाद डॉक्‍टर्स ने पुष्टि के लिए उनके नमूने एनआईवी भेजे थे. बाद में अस्पताल में चार और बच्चों में इसी तरह के लक्षण दिखे, तब स्‍वास्‍थ्‍य विभाग हरकत में आया और जांच का दायरा बढ़ाया गया. गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री पटेल ने बताया , “चांदीपुरा वायरस संक्रामक नहीं है. हालांकि, प्रभावित क्षेत्रों में गहन निगरानी की गई है. हमने 4,487 घरों में 18,646 लोगों की जांच की है. स्वास्थ्य विभाग बीमारी को फैलने से रोकने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहा है.”

चांदीपुरा वायरस से बुखार आता है, जिसके साथ फ्लू और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे लक्षण होते हैं. चांदीपुरा वायरस में अक्सर अचानक तेज बुखार आना, उसके बाद दौरे पड़ना, दस्त, मस्तिष्क में सूजन, उल्टी का होना शामिल है. यदि बाल रोगियों में उच्च श्रेणी के बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल एक चिकित्सक को रेफर करें.

गुजरात के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का कहना है कि चांदीपुर वायरस संक्रमक नहीं है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में ही इसके 12 मामले सामने आ गए हैं. ऐसे में इस वायरस को हल्‍के में नहीं लिया जा सकता है. इससे सतर्क रहना बेहद जरूरी है. ये वायरस कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वायरस से संक्रमित बच्चे लक्षण दिखने के 48-72 घंटों के भीतर मर जाते हैं. ऐसे में यह वायरस शिशुओं और वयस्क के लिए घातक है.

गुजरात सरकार ने लोगों को सावधानी बरतने की अपील की है. संक्रमण आमतौर पर बरसात के मौसम में देखने को मिलता है. यह संक्रमित रोग मक्खी, मच्छर के काटने से होता है. 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों में यह सं क्रमण पाया जाता है. खास तौर पर यह ग्रामीण क्षेत्रों में इस वायरस का संक्रमण ज्यादा देखने को मिलता है.

गुजरात में साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल चांदीपुर वायरस के मामलों की पुष्टि इसी महीने हुई है. वायरस को लेकर पूरा राज्‍य अलर्ट पर है. ऐसा हो सकता है कि अन्‍य जिलों में भी ऐसे मामले देखने को मिलें. चांदीपुरा कोई नया वायरस नहीं है, पहला मामला साल 1965 में महाराष्ट्र से सामने आया था. उसके बाद गुजरात में भी यह संक्रमण पाया गया.