दिल्ली / राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बदलाव के आसार पर देश की निगाहे लगी हुई है | कहा जा रहा है कि मौजूदा RSS चीफ मोहन भागवत के उत्तराधिकारी की तलाश अभी से शुरू हो गई है | संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की दो दिवसीय बैठक बेंगलुरु के चेन्नहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में आज से शुरू हो गई है | इस बैठक में RSS के सभी विंगों के अलावा बीजेपी के कुछ चुनिंदा नेता हिस्सा ले रहे है | बेंगलुरु में यहीं बैठक पिछले वर्ष आयोजित की गई थी | लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था | संघ के प्रतिनिधि सभा की बैठक में इस बार देश भर के 500 के करीब संघ के प्रतिनिधि शामिल हो रहे है |
वैसे हर साल 1500 के लगभग लोग इस बैठक में शामिल होते थे | कोरोना के कारण इस बार संख्या कम कर दी गई है | बैठक में सभी अखिल भारतीय अधिकारी, 11 क्षेत्रों के संघचालक, कार्यवाह व प्रचारक और उनके सहयोगी, सभी 43 प्रांतों के संघचालक, कार्यवाह व प्रचारक और उनके सहयोगी और सभी प्रांतों से तीन या चार चुने गए प्रतिनिधि आमंत्रित किये गए है | इस बैठक में मोहन भागवत के अलावा सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी, दत्तात्रेय होसबोले, मनमोहन वैद्य, डा. कृष्ण गोपाल जैसे सभी बड़े पदाधिकारी मौजूद है |
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साल भर बाद आयोजित इस बैठक में प्रतिनिधि सभा में पारित होने वाले प्रस्ताव पर चर्चा होगी | इसके साथ- साथ पिछले सालों में सभी प्रांतों में हुए कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर मंथन होगा | आरएसएस प्रतिनिधि सभा की बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर अब तक हुए कार्य की समीक्षा की जाएगी. राम मंदिर के चंदा अभियान और मौजूदा राजनैतिक हालात पर भी विस्तृत चर्चा हो सकती है | सभी बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत खासतौर पर मौजूद रहेंगे | आरएसएस के इतिहास में पहली बार नागपुर से बाहर हो रही अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की चुनावी बैठक पर राजनेताओं के साथ – साथ देश – विदेश की निगाहे है |
दरअसल 20 मार्च को RSS में नंबर दो के पद यानी सरकार्यवाह का चुनाव होना है | लगातार पिछले 4 बार से भैय्याजी जोशी सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे है | 5 बार भी इस पद को वे ही संभालेंगे या फिर उनकी जगह किसी दूसरे का चयन किया जायेगा | यह गौरतलब माना जा रहा है | बताया जाता है कि पिछले 12 सालों से सरकार्यवाह महासचिव की जिम्मेदारी भैय्याजी जोशी के कंधो पर है | उनकी जगह अब किसी दूसरे को मौका मिलेगा या उन्हें संघ में नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी | इसे लेकर संघ की यह बैठक काफी अहम और महत्वपूर्ण मानी जा रही है. भैय्याजी जोशी 2009 में पहली बार सरकार्यवाह चुने गए थे, लेकिन खुद को उन्होंने 2018 के चुनाव में ही सरकार्यवाह के दायित्व से मुक्त करने का आग्रह किया था | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में हर तीन साल पर सरकार्यवाह पद का चुनाव होता है | चुनाव को लेकर संघ के इतिहास में आज तक कभी भी वोटिंग की नौबत नहीं आई है. हर बार सरकार्यवाह का चुनाव निर्विरोध ही हुआ है |