
दिल्ली / रायपुर / दुर्ग :- छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भू -पे बघेल ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भारी विरोध के बावजूद जीत दर्ज कर लोगों को चौका दिया था | अब उनकी रहस्मय जीत पर से भी पर्दा हटने लगा है | चुनाव जीतने के गैरकानूनी हथकंडे सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को सुप्रीम अदालत से कोई राहत नहीं मिल पाई है | इलेक्शन ट्रिब्यूनल मामले की जाँच में जुटा है, परिणाम भी जल्द ही सामने आने के आसार है | भूपेश बघेल पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप है। अदालत में दायर एक याचिका में भूपेश बघेल के चुनाव को रद्द करने की मांग की गई है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इसी साल 8 मई के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने भूपेश बघेल के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रखने का फैसला दिया था। हाईकोर्ट के इस फ़ैसले को पूर्व मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी | याचिका में अंतरिम राहत के तौर पर बघेल के खिलाफ हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर एक पक्षीय रोक लगाने की मांग की गई थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि हाईकोर्ट में चल रही इस कार्यवाही पर रोक लगाई जाए, क्योंकि यह याचिका प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज की जानी चाहिए थी.| हालांकि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के साफ़ रुख को देखते हुए मंगलवार को सुनवाई होने से पूर्व बघेल ने अचानक याचिका वापस ले ली है |
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, हाईकोर्ट याचिका की मेंटेनबिलिटी पर निर्णय लेने से पहले दोनों पक्षों को सुनें. मेंटेनबिलिटी तय होने तक केस के मेरिट पर कोई सुनवाई या कार्यवाही न हो. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के पूर्व आदेश में की गई कोई टिप्पणी भूपेश बघेल के आवेदन को प्रभावित नहीं करेगी.

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यह भी बताया जाता है कि याचिका बघेल पर लगाए गए आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों के संबंध में दायर की गई है. इस चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें यह स्वतंत्रता दी है कि वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, जो कि इस मामले में इलेक्शन ट्रिब्यूनल के रूप में कार्य कर रहा है, के समक्ष इस याचिका की मेंटेनबिलिटी (स्वीकार्यता) को चुनौती दे सकते हैं | दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से झटका लगा था। हाईकोर्ट ने एक फ़ैसले में कहा था कि पूर्व सीएम और पाटन विधानसभा सीट से विधायक भूपेश बघेल के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि चुनाव याचिका में पर्याप्त सामग्री मौजूद है और इसे इस स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही भूपेश बघेल की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

बता दें कि दुर्ग से भाजपा सांसद विजय बघेल ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल का चुनाव रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल ने आचार संहिता का उल्लंघन किया था। भूपेश बघेल ने समय सीमा समाप्त होने के बाद भी पाटन विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार किया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र चैतन्य बघेल इन दिनों जेल की हवा खा रहे है | प्रदेश के 3200 करोड़ के शराब घोटाले में चैतन्य उर्फ़ बिट्टू की सालाना एक हजार करोड़ से ज्यादा की हिस्सेदारी सामने आई है | केंद्रीय जाँच एजेंसियों ने पुख्ता सबूतों के साथ विशेष अदालत का रुख किया था | इस मामले में 5 दिनों की रिमांड ख़त्म होने के बाद आरोपी चैतन्य को अदालत ने 14 दिनों की जुडिश्यल रिमांड पर रायपुर सेन्ट्रल जेल भेज दिया है | उधर चैतन्य बघेल एवं एक अन्य आरोपी निखिल चंद्राकर के महत्वपूर्ण बयानों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री पर एजेंसियों का शिकंजा कसने लगा है |

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बताया जाता है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की भी गिरफ़्तारी को लेकर एजेंसियों ने अपनी जाँच पड़ताल तेज कर दी है | सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री की बतौर हिस्सेदारी नगद रुपयों में चैतन्य बघेल के हाथो में सौंपी जाती थी | जबकि वे न तो सरकारी अधिकारी है, और न ही शराब कारोबारी | फ़िलहाल, बघेल पिता -पुत्र के अलावा उनके बेटी -दामाद समेत अन्य परिजनों की बीते 5 सालों में अर्जित हजारों करोड़ की ब्लैकमनी की पड़ताल जारी बताई जा रही है |