छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में महिला आयोगों में कुर्सियां खाली, प्रमुखों एवं सदस्यों की नियुक्ति साल भर से लटकी, काम काज ठप्प, पीड़ितों की शिकायतों का लगा अम्बार, एनसीडब्ल्यू को भी नियुक्ति का इंतज़ार  

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दिल्ली वेब डेस्क / राष्ट्रीय महिला आयोग, एनसीडब्ल्यू ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में महिला आयोगों में खाली पड़े पद को लेकर चिंता जाहिर की है | दरअसल इन तीनों राज्यों में महिला आयोग सफ़ेद हाथी बन कर रह गया है | हज़ारों शिकायते लंबित है, रोजाना सैकड़ो पीड़ित महिलाये आयोग का चक्कर काट कर बैरंग लौट जाती है | एनसीडब्ल्यू ने इन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।एनसीडब्ल्यू ने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के महिला आयोगों में 2018 से प्रमुखों एवं सदस्यों के पद खाली पड़े हैं। 

महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की शिकायतों को निपटाने में राज्य महिला आयोग अहम भूमिका निभाता हैं। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उन्होंने राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिखे हैं, लेकिन अब तक न तो नए प्रमुखों की और न ही आयोग के सदस्यों का चयन किया गया है।

शर्मा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा है कि यह देखना चिंताजनक है कि राज्य महिला आयोग का नए सिरे से गठन नहीं हुआ है। शर्मा ने इन पत्रों में कहा कि राज्य महिला आयोग समाज में महिलाओं के दर्जे एवं गरिमा को सुधारने, महिलाओं के लिए अपमानजनक प्रचलनों की जांच करने और उचित सुधारात्मक कदमों का सुझाव देने तथा महिलाओं से संबंधित कानूनों के क्रियान्वयन की प्रभावी निगरानी करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग समाज में महिला के दर्जे एवं गरिमा को सुधारने एवं उत्थान से संबंधित सभी मामलों में सरकार को सुझाव भी देते हैं। शर्मा ने दोनों मुख्यमंत्रियों से दोनों राज्यों के राज्य आयोगों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को तेज करने और राज्यों की महिलाओं के हित में आयोग के प्रमुख एवं अन्य सदस्य नियुक्त करने का भी आग्रह किया है। फ़िलहाल देखना होगा कि इन तीनों राज्यों में आखिर कब प्रमुखों की नियुक्ति होती है |