
बिलासपुर : जिले के कोटा ब्लॉक के दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों से बंद पड़ी बाइक एम्बुलेंस सेवा अब जानलेवा साबित होने लगी है। सोमवार रात बहरीझिरिया गांव की एक गर्भवती महिला को समय पर सहायता नहीं मिल पाने के कारण, गर्भ में फंसे नवजात शिशु की रास्ते में ही मौत हो गई।
वेतन और पेट्रोल भुगतान नहीं हुआ, कर्मचारियों ने बंद की सेवा
बाइक एम्बुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि तीन लाख रुपये से अधिक का वेतन और पेट्रोल भुगतान लंबित है। इसी कारण उन्होंने काम बंद कर दिया है
प्रभारी सीएमएचओ सुरेश तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मामले की जानकारी कलेक्टर को दी गई है और जल्द ही बाइक एम्बुलेंस सेवा को दोबारा शुरू किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
बहरीझिरिया गांव निवासी शांतन बाई पति जगत को सोमवार रात अचानक प्रसव पीड़ा हुई। ग्रामीण संदीप शुक्ला ने तुरंत पास के केंद्रा स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर बाइक एम्बुलेंस बुलाने की कोशिश की, लेकिन वहां से जवाब मिला कि सेवा वेतन न मिलने के कारण बंद है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने सीएमएचओ सुरेश तिवारी और केंद्रा प्रभारी से संपर्क किया। उनके हस्तक्षेप के बाद रात करीब 12 बजे 102 एम्बुलेंस बहरीझिरिया भेजी गई। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
गर्भवती महिला का शिशु गर्भ में फंसा हुआ था और बाहर नहीं निकल पा रहा था। महिला को इसी अवस्था में केंद्रा अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही नवजात ने दम तोड़ दिया
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर स्थिति को उजागर करती है। जहां बाइक एम्बुलेंस जैसी जरूरी सेवाएं न केवल सीमित संसाधनों का विकल्प हैं, बल्कि कई बार जीवन रक्षक साबित होती हैं।