रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत मंत्रीमंडल के तमाम सदस्यों, सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कई विधायकों ने पौधा रोपण कर पर्यावरण बचाने की पुरजोर कोशिश की है। यह देखना गौरतलब होगा कि पौधे आखिर कब वृक्ष में तब्दील होते है। उनका रख रखाव करने में सरकारी मशीनरी कितनी कामयाब होती है। यह तो वक़्त ही बताएगा। लेकिन लगभग 40 एकड़ भूमि को हरा – भरा बनाने की पहल राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
जमीनों की खरीद फरोख्त से जुड़े कारोबारी तस्दीक कर रहे है कि पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बेशकीमती अरबों की सरकारी जमीन को बचाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। वरना प्रदेश में सक्रीय भू – माफिया यह जमीन भी हड़पने की तैयारी में थे। कुछ दिन और यह जमीन ऐसे ही खाली पड़ी रहती तो इस पर भू- माफियाओं का बेजा कब्ज़ा हो जाता। बताया जाता है कि प्रदेश भर में हज़ारों एकड़ सरकारी जमीनों पर रसूखदारों का कब्ज़ा हो गया है।
पूर्ववर्ती भूपे बघेल सरकार के कार्यकाल में भू- माफियाओं ने एक सरकारी आदेश के तहत उन जमीनों का या तो पट्टा हासिल कर लिया है, या फिर उनके हितों को ध्यान में रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कौड़ियों के दाम उस जमीन को अपने समर्थकों को आवंटित कर दिया है। बताया जाता है कि विधानसभा परिसर की इस बेशकीमती जमीन पर भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपे की निगाहे लगी हुई थी।
इससे पहले की उस पर रसूखदारों का बेजा कब्ज़ा होता पर्यावरण प्रेमियों ने इसकी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष से की। मामला संज्ञान में आने के बाद डॉ. रमन सिंह ने इस जमीन पर पौधा रोपण कराने का फैसला लिया। छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर आने वाले दिनों प्रदेश में पर्यावरण संतुलन बनाये रखने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। रायपुर और बलौदा बाजार जिलों में प्रदूषण को रोकने में इस परिसर में लगे पेड़ – पौधे कारगर साबित होंगे। प्रदेश के वरिष्ठ पर्यावरणवादी इसकी तस्दीक कर रहे है। उनके मुताबिक इस इलाके में सीमेंट फैक्ट्रियों एवं अन्य उद्योग – धंधों से होने वाले प्रदूषण से आम आबादी त्रस्त है, उन्हें हवा में मौजूद प्रदूषित कण बीमार बना रहे है।
उनके मुताबिक इस इलाके में प्रदूषण की मात्रा राष्ट्रीय सूचकांक के पैमाने से लगातार काफी ऊपर दर्ज की जा रही है। यही हाल रायपुर से सटे उरला और बीरगांव इंडस्ट्रियल एरिया का है। पर्यावरण के जानकार बताते है कि इन इलाकों में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का मुख्य कारण शहरी और ग्रामीण आबादी के बीच पेड़ पौधों की कमी और प्रदुषण नियंत्रित करने वाले निर्धारित मापदंडों का पालन सुनिश्चित ना करना है। बेलगाम प्रदूषण से एक बड़ी आबादी को कई घातक रोग हो रहे है। ऐसे समय विधानसभा परिसर में हरा – भरा जंगल निर्मित करना डॉ रमन सिंह का बड़ा फैसला बताया जाता है।
पर्यावरणवादी तस्दीक कर रहे है कि इस पौधा रोपण के भविष्य में परिणाम सुखद और सार्थक साबित होंगे। उनके मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की पहल पर हुए वृक्षारोपण से आने वाले दिनों रायपुर और बलौदा बाजार जिले में पर्यावरण की शुद्धता नजर आएगी। भारी बारिश के बावजूद छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में पक्ष – विपक्ष के नेताओं ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में हिस्सा लिया। उन्होंने बारिश में अपने कपड़ों के भीगने की परवाह ना करते हुए पौधा रोपण कर पर्यावरण बचाने की पहल का आगाज किया है।
मूसलाधार बारिश के चलते भी उनके जोश में कोई कमी नजर नहीं आई। यहाँ मौजूद हुजूम ने अपने परिजनों की याद में पौधा रोपण किया। इस दौरान पहली क़तार में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नजर आये। उनके साथ उप मुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा समेत अन्य मंत्रीगण भी उपस्थित थे। लोगो को प्रदूषण मुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के लिए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी दिलचस्पी दिखा कर सकारात्मक राजनीति की मिसाल पेश की। उनकी अगुवाई में कई कांग्रेसी विधायकों ने भी पौधा रोपण किया। बताया जाता है कि यहाँ फूलदार पौधे, बड़े वृक्ष और औषधीय पौधों का रोपण किया गया है।