छत्तीसगढ़ में दारू भट्टी बंद, पाटन में उपक्रम शुरू, शराबियों ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल कों बताया अपना ‘कुलदेवता’…

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव मतदान के मद्देनजर सरकारी शराब भट्टियों में ताला लटक गया है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खास समर्थक के ठिकानों से जब्त शराब के जखीरे से राजनीति सरगर्म है। कई शराबियों का दावा है कि वक़्त बड़ी मुश्किल से गुजर रहा है, आने वाले 2 दिनों तक शराब भट्टी बंद रहेगी। ऐसे में उनका हाल-बेहाल भी हो सकता है। लिहाजा वक़्त की मार झेल रहे कई घोषित शराबियों ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को अपना ‘इष्टदेव’ बताते हुए राहत की उम्मीद जाहिर की है।

उनका मानना है कि शराब घोटाले में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री के हाथों में वैध ना सहीं, अवैध शराब का भंडार तो है, उन्हें भरोसा है कि कृपा पाटन से ही आएगी। उधर, राज्य में अचानक मयखानों में छाई मायूसी के दौर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल प्रभावितों को खूब याद आ रहे है। दरअसल, बघेल के खास समर्थक और दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेंद्र वर्मा के ठिकाने से पुलिस ने 500 पेटी अवैध शराब बरामद की है। इस खबर से रूबरू होते ही प्रदेशभर के कई शराबियों का माथा ठनक गया है।

वे पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की राह में रतजगा कर रहे है। उनका मानना है कि भूपे बघेल प्रदेशभर के शराबियों के कुलदेवता है, उनकी कृपा से अध्धा-पौआ जरूर बरसेगा। बीते 5 सालों में उनके कुलदेवता ने गांव-गांव में शराब की दुकाने खोल कर लोगों का जीना मुहाल कर दिया था, अब लत पड़ चुकी है। शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों के कांग्रेसी पृष्ठ भूमि के कई मतदाता भी तस्दीक करते है कि कांग्रेस सरकार में हर दिन उनका कंठ गीला रखा था, भले ही वे कई बिमारियों से ग्रसित हो गए लेकिन अभी भी पीना नहीं छूटा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने उन पर बुरी लत डाल दी। अब गांव-गांव की दारू भट्टी बंद होने से बघेल की याद खूब आ रही है। कई शराबी बताते है कि पाटन की तर्ज पर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश के सैकड़ों गांव-कस्बों में अवैध शराब का भंडारण कराया है। उनका मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री की ही देख-रेख में प्रदेश का सबसे बड़ा 2200 करोड़ का शराब घोटाला अंजाम दिया गया था।

दिलचस्प बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री के खास समर्थक महेंद्र वर्मा के ठिकानों से अवैध शराब का जखीरा सामने आने के बाद कांग्रेसी नेताओं की अजीबो-गरीब दलीलें भी सामने आ रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला की दलील है कि कांग्रेसी नेताओं को परेशान करने के लिए उनके घरों में शराब रख कर फंसाने की साजिश, बीजेपी कर रही है। शुक्ला का तर्क है कि अगर प्रदेश और जिलों की सीमाओं पर चौकसी है, तो अवैध शराब कैसे खप रही है।

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव का मतदान का पहला चरण 11 फरवरी को है। लिहाजा मतदान वाले इलाकों में सरकारी शराब दुकानों पर ताला लटक गया है। ज्यादातर शराबियों को उनका मनपसंद ब्रांड तो दूर कंठ गीला करने तक के लिए शराब उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हालांकि कई इलाकों में उम्मीदवारों ने पीने-पिलाने का पुख्ता प्रबंध कर रखा है। इस बीच पाटन में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के ठिकाने से बड़े पैमाने पर शराब जब्त होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।

इस मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने है। बीजेपी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि शराब घोटाले में लिप्त पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार अब नगरीय निकाय चुनाव को प्रभावित करने के लिए शराब बंटवा रही है। उन्होंने कहा कि नकली शराब के कारण कई लोगों की मौतें हुई है। लिहाजा प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए ऐसी अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उधर बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी खुद शराब का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रही है। फ़िलहाल, दोनों ही दलों की नोक-झोंक के बीच शराब के शौंकीनों को पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की उनके इलाकों में आमद-दरज का इंतजार है।