Friday, September 27, 2024
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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री बाप-बेटे ऑनर किलिंग में, लटकी गिरफ्तारी की तलवार ? 3 आरोपियों ने गिरफ्तारी के बाद खोला मुँह, कहा- ‘बिट्टू’ भैय्या के निर्देश पर प्रोफ़ेसर पर किया जानलेवा हमला, हत्या का कारण प्रेम-प्रसंग और 100 करोड़ का निवेश, पुलिस जांच जारी, गृह मंत्री विजय शर्मा के फरमान का इंतज़ार….    

रायपुर/भोपाल/दुर्ग/रीवा: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और उनके पुत्र बिट्टू ऑनर किलिंग के मामले में लपेटे में है। उनके खिलाफ जांच शुरू हो गई है, दुर्ग पुलिस की एक टीम ने प्रोफेसर विनोद शर्मा पर जानलेवा हमला करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सूत्रों के मुताबिक स घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और उनके पुत्र बिट्टू की भूमिका, महत्वपूर्ण बताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में शक की सुई पूर्व मुख्यमंत्री पर है, बताते है कि उन्होंने ही बिट्टू को निर्देशित कर मौत के सौदागरों को भिलाई बुलाया था। हमलावर भोपाल और रीवा से सफर तय कर पूर्व मुख्यमंत्री के ठिकाने में इकट्ठा हुए थे। राजनीति और अपराधों के जानकार तस्दीक करते है कि राज्य में एक बार फिर ‘जग्गी हत्याकांड’ जैसा मामला सामने आया है।

इस मामले में फ़िलहाल 3 युवकों को गिरफ्तार किया गया है, शेष 10 आरोपियों की तलाश जारी है। बताया जाता है कि दुर्ग पुलिस ने ऑनर किलिंग मामले में प्रसून पांडे, उत्कर्ष द्विवेदी और कर्ण पाठक नामक 3 युवकों को रीवा से गिरफ्तार किया है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पुत्र के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने के लिए प्रदेश के गृह मंत्रालय और वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश मांगे गए है।

उधर सूत्र तस्दीक कर रहे है कि मौजूदा – रिटायर्ड DGP अशोक जुनेजा के चलते मुख्य आरोपियों की धर पकड़ का मामला महीने भर से लंबित है, उनकी कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। ऑनर किलिंग मामले में ठोस कदम उठाने के बजाय पुलिस मुख्यालय का मुख्य आरोपियों कों संरक्षण प्रदान करने से पीड़ित परिवार हैरत में है। बताते है कि ‘जग्गी हत्याकांड’ की तर्ज पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपे और उनके बेटे बिट्टू ने ऑनर किलिंग वारदात को अंजाम दिया है।   

सूत्र दावा कर रहे है कि ऑनर किलिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके पुत्र के खिलाफ पुलिस को कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे है। मामला प्रेम-प्रसंग के साथ-साथ भिलाई के एक स्थानीय प्राइवेट यूनिवर्सिटी में लगभग 100 करोड़ का बेनामी निवेश से जुड़ा बताया जा रहा है। बताते है कि इस यूनिवर्सिटी में साधारण पढाई-लिखाई और नौकरी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री की पुत्री अचानक डायरेक्टर बन गई है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री के कुनबे में बवाल मचा है। जानकार तस्दीक कर रहे है कि किसी कर्मचारी को यूनिवर्सिटी का अचानक डायरेक्टर बनाये जाने का प्रदेश में यह पहला मामला है। इतनी मोटी रकम पूर्व मुख्यमंत्री की पुत्री के नाम पर किसने और क्यों निवेश किया, यह जांच का विषय है। इस मामले को ऑनर किलिंग से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।

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हालांकि डॉक्टर खूबचंद बघेल कॉलेज में कार्यरत प्रोफ़ेसर विनोद शर्मा की हालत स्थिर बताई जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पुत्र को इस अपराध से बचाने के लिए राजनैतिक और प्रशासनिक प्रयास भी जोरो पर है। ऑनर किलिंग की यह घटना सुर्ख़ियों में है। बताया जाता है कि पीड़ित प्रोफ़ेसर को मौत के घाट उतारने से पूर्व तमाम आरोपियों कों पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पुत्र ने अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क कर सुपारी दी थी। वारदात को अंजाम देने के लिए भोपाल और रीवा से हमलावरों को भिलाई बुलाया गया था। यहाँ पूर्व मुख्यमंत्री के विट्ठल पुरम कॉलोनी स्थित ठिकाने में योजना को अंजाम देने की साजिश रची गई थी। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि 19 जुलाई को प्रोफ़ेसर पर हमला करने के पूर्व विभिन्न मोबाइल से आरोपियों ने बिट्टू और उनके पूर्व मुख्यमंत्री पिता भूपे से इजाजत मांगी थी।

सूत्रों के मुताबिक बघेल-पिता पुत्र ने आरोपियों को क़ानूनी संरक्षण से लेकर मोटी रकम देने का वादा भी किया था। विवेचना में जुटी पुलिस तस्दीक कर रही है कि किसने और किस लिए आरोपियों को सुपारी दी थी, इसकी विवेचना जारी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर बयान दर्ज किये जा रहे है। सूत्र यह भी बता रहे है कि हमलावर ‘भैय्या’ (बिट्टू भैय्या) के निर्देशों से वाकिफ थे। घटना कों अंजाम देने की स्वीकृति पूर्व मुख्यमंत्री ने बिट्टू को दी थी। इसके बाद घटना के एक दिन पूर्व और एक दिन बाद आरोपियों की लोकेशन विट्ठल पुरम पाई गई थी।

बताते है कि आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिजनों के ठिकानों में पूरे समय तक डटे रहे थे। इस मामले में अभी 2 प्रमुख आरोपियों प्रवीर शर्मा और शिवम मिश्रा की तलाश जारी है। बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उसके परिजनों ने सुपारी किलिंग के लिए पूरी योजना इन्ही दोनों युवकों के साथ साझा की थी। गौरतलब है कि भिलाई के खूबचंद बघेल महाविद्यालय में कार्यरत प्रोफ़ेसर विनोद शर्मा को मौत के घाट उतारने के लिए दिनांक 18 जुलाई को रीवा और भोपाल से लगभग दर्जन भर युवक प्राइवेट कार से सीधे भिलाई के विट्ठल पुरम कॉलोनी पहुंचे थे।

यहाँ पूर्व मुख्यमंत्री के परिजनों और विश्वास पात्रों के साथ रणनीति और लेनदेन होने के बाद प्रोफ़ेसर की रैकी की गई थी। मौत के घाट उतारने का कारण हमलावरों को प्रेम-प्रसंग बताया गया था। सूत्र यह भी बताते है कि इस बैठक में दर्जनभर से ज्यादा लोग मौजूद थे। पूर्व मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद हमलावर प्रोफ़ेसर की हत्या के लिए तैयार होकर घटना स्थल पर रवाना हुए थे। आरोपियों ने 19 जुलाई को शाम लगभग 4 बजे कॉलेज से वापस बाहर आते ही प्रोफ़ेसर की गाड़ी के पीछा करना शुरू कर दिया था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक घटना से पूर्व कॉलेज के करीब स्थित एक चाय-पान की दुकान में सिगरेट लेने के लिए प्रोफ़ेसर जैसे ही उतरे उन पर लाठी-डंडों और हथियारों से हमला किया गया। पीड़ित को मरा समझकर आरोपी मौके से भाग निकले थे। हमलावरों के रुख को देखते ही कार में मौजूद ड्राइवर घटना स्थल से सुरक्षित भाग निकला और उसने घटना की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर बेसुध पड़े पीड़ित को स्थानीय लोगों की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया। बताया जाता है कि शरीर के विभिन्न हिस्सों में पीड़ित को 18 टांके लगाए गए। फ़िलहाल समय पर इलाज मुहैया होने से पीड़ित की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। हालांकि मुँह बंद रखने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा पीड़ित और उसके परिवार पर दबाव भी बनाये जाने की जानकारी सामने आई है।

भिलाई ऑनर किलिंग मामले में घटना को लेकर राजनैतिक दांव-पेच भी सामने आ रहे है। पुलिस जांच में मुख्य आरोपियों की शिनाख्ती होते ही मामला रफा-दफा करने के प्रयासों की चर्चा राजनैतिक गलियारों में जोर-शोर से हो रही है। बताते है कि बिट्टू को बचाने के लिए एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री जोड़-तोड़ में जुटे हुए है। इसके लिए राजनैतिक प्रदर्शन और उच्च प्रशासनिक जोड़-तोड़ जैसे प्रयास जारी है। यही नहीं पीड़ित और उसके परिवार पर भी FIR दर्ज ना कराने और मूल तथ्यों को जग-जाहिर ना करने की हिदायत दी गई है।

अन्यथा अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी गई है। हालांकि मामला संज्ञान में आने के बाद दुर्ग पुलिस ने आरोपियों की धर-पकड़ के प्रयास तेज कर दिए है। सूत्र तस्दीक करते है कि ऑनर किलिंग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और उनके बेटे के खिलाफ पर्याप्त सबूतों से गृह मंत्रालय को अवगत कराया गया है, गृह मंत्री विजय शर्मा के निर्देशों का इंतज़ार किया जा रहा है। बहरहाल घटना को अंजाम दिए लंबा समय बीत जाने के बावजूद इस घटना की निष्पक्ष जांच को लेकर बीजेपी और राज्य सरकार का रुख अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

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