बिलासपुर : बिलासपुर के CIMS( छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) के वायरोलॉजी लैब में कोरोना की एंट्री से दहशत फैल गया है। यहां के चार स्टॉफ कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसके चलते RT-PCR जांच प्रभावित हो रही है। स्थिति यह है कि बिलासपुर, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और बलौदाबाजार जिले के 1700 से अधिक सैंपल पेंडिंग है।
CIMS के वायरोलॉजी लैब में जिले के साथ ही मुंगेली, पेंड्रा-गौरेला-मरवाही और बलौदाबाजार जिले के RT-PCR सैंपलों की जांच हो रही है। कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही स्टॉफ पर भी काम का दबाव बढ़ गया है। इस दौरान पिछले तीन दिन में लैब के चार स्टॉफ भी कोरोना के चपेट में आ गए हैं। लिहाजा, सैंपल की जांच प्रभावित होने लगी है।
लैब में बिलासपुर जिले के औसतन रोज 700 सैंपलों की जांच हो रही है। इसी तरह बलौदाबाजार, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही व मुंगेली जिले से 100 से लेकर 225 सैंपल रोज भेजे जा रहे हैं। कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही सभी जिलों में सैंपल की संख्या बढ़ा दी गई है। इसके चलते लैब में 1700 से अधिक सैंपल पेंडिंग हैं।
तीन शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं 25 स्टॉफ
यहां लैब में करीब 25 स्टॉफ हैं, जो तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं। ऐसे में यहां स्टॉफ की कमी है और कार्यरत टेक्नीशियन पर काम का दबाव बढ़ गया है। यही वजह है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही सैंपल लगातार पेंडिंग हो रहे हैं।
बिलासपुर में ज्यादा संक्रमण इसलिए दी जा रही प्राथमिकता
बिलासपुर में संक्रमण तेजी से फैलने के बाद जिला प्रशासन के अफसरों की नजर CIMS के वायरोलॉजी लैब पर है। दरअसल, एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव या निगेटिव आने पर लोग RT-PCR कराने के लिए जद्दोजहद करते हैं। इसके चलते जिला प्रशासन के अफसर लगातार निगरानी कर रहे हैं और बिलासपुर के सैंपलों के रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर देने के लिए दबाव डाल रहे हैं।