रायपुर। छत्तीसगढ़ में नागपंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कई स्कूलों में परंपरागत रूप से नाग देवता की पूजा कर बच्चों को प्रसाद वितरित किया गया। शिव मंदिरों में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। सुबह से ही कई लोगों ने मंदिरों का रुख किया। राज्य में शहरों से लेकर गांव तक नाग देवता पूजे जा रहे है।
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पर्यावरण और संस्कृति की रक्षा के लिए मनाया जाने वाले इस पर्व पर पारम्परिक छठा देखने को मिल रही है, खासतौर पर लोगों का पहनावा सांस्कृतिक छत्तीसगढ़ के रूप में नजर आ रहा है। हालांकि सड़कों पर पिछले वर्षों की तुलना में नाग – सांपो को दूध पिलाने वाले सार्वजानिक दृश्य दूर -दूर तक नजर नहीं आ रहे है।
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बताते है कि वन विभाग की सक्रियता के चलते अब कई कु-रीतियों पर विराम लग चूका है। हालांकि लोग भी नाग-सांपो को लेकर चली आ रही रहस्मय दन्त कथाओं और किस्से -कहानियों को विज्ञान के नजरिये से देखकर दूध का दूध और पानी का पानी खुद बा खुद साफ करने लगे है। इस तीज त्यौहार के बीच बहुचर्चित शराब और ऑनलाइन महादेव ऐप सट्टा कारोबार भी सुर्ख़ियों में है।
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दरअसल आज से ही आरोपियों से ED नए सिरे से पूछताछ करने में जुटी हुई है। इसके लिए प्राप्त रिमांड की अवधि आज से शुरू हो गई है। रायपुर में इन दिनों ED और EOW के गलियारे में गहमा-गहमी देखी जा रही है। एजेंसिया नए तथ्यों और सबूतों के आधार पर कारोबारी अनवर ढेबर और आबकारी विभाग के तत्कालीन सचिव AP त्रिपाठी से एक बार फिर पूछताछ में जुटी है।
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सूत्र तस्दीक करते है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की घोटालों में संलिप्ता को लेकर एजेंसियों को विवेचना के दौरान घोटाले से जुड़े कई नए तथ्य और सबूत हाथ लगे थे। इस पर एजेंसियों ने अपनी पूछताछ शुरू कर दी है।
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इससे पूर्व आरोपियों को मेरठ जेल से प्रोडक्शन वारंट के तहत रायपुर लाया गया था। विशेष कोर्ट में सुनवाई के बाद आरोपियों को कोर्ट ने ED को 6 दिनों की रिमांड पर सौंप दिया। बताते है कि कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आबकारी सचिव अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी स्वास्थ्य परीक्षण में खरे उतरे है। अब वे छह दिनों तक एजेंसियों को घोटाले से जुड़े कई तथ्यों से अवगत कराएँगे। इसके अलावा महादेव सट्टा एप में शामिल आरोपी जिम संचालक विश्वजीत राय समेत तीन अन्य आरोपियों को भी कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड पर EOW को सौंपा है।
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सूत्र तस्दीक करते है कि मेरठ में आरोपियों से हुई पूछताछ में कई ऐसे तथ्य सामने आये है, जिससे पता पड़ता है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनकी टोली बीते 5 वर्षों तक जनकल्याण के कार्य करने के बजाय प्रदेश की जनता और प्राकृतिक संसाधनो की लूटपाट में जुटे थे। इसके लिए क़ानूनी शक्तियों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा था। आरोपी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी ने साफ़ किया है कि वे पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर नकली होलोग्राम की छपाई और उसके इस्तेमाल पर जोर दे रहे थे।
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उनके मुताबिक नकली होलोग्राम से होने वाली आय के अलावा सरकारी दुकानों से शराब की अफरा-तफरी भी पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के निर्देशों पर होती थी। सूत्र यह भी तस्दीक करते है कि कारोबारी अनवर ढेबर ने भी जाहिर किया है कि शराब घोटाले की रकम पूर्व मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने के बाद उसके बंदरबाट का कार्य होता था। ढेबर ने एजेंसियों के समक्ष अपनी स्थिति साफ़ कर दी है।
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हालांकि रायपुर और दिल्ली से हवाला के जरिये दुबई समेत खाड़ी देशों में भेजी गई रकम को लेकर तत्कालीन सुपर सीएम अनिल टुटेजा से पूछताछ का एक दौर अभी बाकि बताया जा रहा है। सूत्र तस्दीक करते है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उसके नाते-रिश्तेदारों, सौम्या चौरसिया समेत अन्य परिजनों की भूमिका भी बतौर संदिग्ध आरोपी सामने आई है।
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सूत्र तस्दीक करते है कि भूपे गिरोह के ऑनलाइन महादेव सट्टा एप मामले में भिलाई से गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों क्रमशः जिम संचालक विश्वजीत राय, अतुल कुमार परिहार और भारत कुमार से भी कई ऐसे सबूत हासिल हुए है, जिससे पता पड़ता है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ही मोटी रकम लेकर देशभर में महादेव ऐप सट्टा का संचालन कर रहे थे। इसके लिए बघेल ने 3 आईपीएस अधिकारीयों शेख आरिफ, आनंद छाबड़ा और प्रशांत अग्रवाल को सट्टा कारोबार को संरक्षण और उससे होने वाली वसूली का जिम्मा खासतौर पर सौंपा था।