CG BIG NEWS: छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर कसता एजेंसियों का शिकंजा, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, सुशील ओझा, साहू समेत कई ठेकेदारों और कारोबारियों पर ED की दबिश, दस्तावेज बरामद…. 

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रायपुर/सुकमा। CG BIG NEWS: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल द्वारा कांग्रेस राज में अंजाम दिए गए घोटालों की परते लगातार खुल रही है। आज सुबह से ED ने आधा दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्यवाही अभी भी जारी है। जानकारी के मुताबिक सुकमा और रायपुर में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश लखमा के ठिकानों पर ED की ताबड़तोड़ छापेमारी से सियासी गलियारों में हड़कंप है।

इन ठिकानों पर स्थानीय पुलिस के अलावा भारी संख्या में सीआरपीएफ के जवान मौजूद है। कवासी लखमा कोंटा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। 2200 करोड़ के शराब घोटाले की जांच में जुटी ED की टीम को लखमा के ठिकानों से बड़ी तादात में दस्तावेज और अन्य सामग्री हाथ लगी है। हालांकि छापेमारी और जब्ती को लेकर अभी ED की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। छत्तीसगढ़ में आज सुबह होते ही ईडी के दर्जनों अधिकारियों ने उन कांग्रेसी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की है, जिनका ताल्लुक शराब घोटाले से बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ED ने 7 से अधिक ठिकानों पर दस्तक दी है। इनमे सुकमा में चार ठिकानों पर ईडी छापेमारी जारी है।

सूत्रों के मुताबिक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की कार से ईडी की टीम सुबह-सुबह भारी संख्या में दस्तावेज अपने कब्जे में लिए है। ईडी की टीम ने रायपुर में लखमा के धरमपुरा स्थित आवास पर भी छानबीन की है। इस छापेमारी की चपेट में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के करीबी कांग्रेसी नेता सुशील ओझा के रायपुर में चौबे कॉलोनी स्थित निवास में ईडी की टीम ने दस्तक देकर उनसे पूछताछ भी की है।  

जानकारी के मुताबिक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के सुकमा स्थित गृह निवास नागारास समेत 4 ठिकानों पर छापा मारा गया है। नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी लखमा, ठेकेदार RSSB के घर ईडी कार्रवाई अभी जारी बताई जा रही है। बताया जाता है कि पूर्व मंत्री के पुत्र हरीश लखमा के शासकीय आवास और सुकमा के नगरपालिका अध्यक्ष राजू साहू से भी ED पूछताछ में जुटी है। यह भी बताया जाता है कि ईडी की छापेमारी और जांच का दायरा और अधिक बढ़ सकता है। 

बता दें कि ED ने अपनी जांच में पाया था कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दे रहे थे। सूत्रों के मुताबिक घोटाले का पूरा सिंडिकेट तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल के इशारों पर ही चल रहा था। इस दौरान तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी चुप्पी साधे रहे। उन्हें भी घोटाले की पूरी जानकारी थी, लेकिन कथित तौर पर कमीशन के बड़े खेल में वे भी फंसते चले गए।

सूत्र तस्दीक कर रहे है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने सोच-समझ कर कवासी लखमा को आबकारी मंत्री बनाया था, ताकि उनका विभाग भी घोटालेबाजों के हवाले किया जा सके। इस सिलसिले में ED ने राज्य के ACB-EOW में पृथक से FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इधर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल दिल्ली दौरे पर बताये जाते है। फ़िलहाल ED की छापेमारी से प्रदेश का राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारा गरमाया हुआ है।