रायपुर: छत्तीसगढ़ में सीबीआई ने आधा दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। आज सुबह होते ही सीबीआई की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के भिलाई स्थित ठिकानों के अलावा रायपुर में उनके तत्कालीन सलाहकार और करीबी रिश्तेदार विनोद वर्मा समेत अन्य के ठिकानों पर दबिश दी है।

रायपुर में ऑफिसर कॉलोनी स्थित 2005 बैच के आईपीएस शेख आरिफ के ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापेमारी की है। सूत्र तस्दीक करते है कि 15 हज़ार करोड़ के महादेव ऐप घोटाले में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल, विनोद वर्मा , कांस्टेबल सहदेव, रायपुर के तत्कालीन IG शेख आरिफ और आनंद छाबड़ा, आईपीएस अभिषेक पल्लव, 2007 बैच के आईपीएस प्रशांत अग्रवाल, पूर्व बघेल के OSD मनीष बंछोर, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, ASP ध्रुव समेत कई पुलिस अधिकारियों के यहाँ सीबीआई ने दबिश दी है।



जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने रायपुर और भिलाई समेत कई इलाकों में CRPF की सुरक्षा टुकड़ी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के भिलाई स्थित आवास पर दबिश दी है। रायपुर के पूर्व IG शेख आरिफ, दुर्ग के पूर्व एसएसपी अभिषेक पल्लव, 2001 बैच के आईपीएस आनंद छाबड़ा, दुर्ग के पूर्व ASP ध्रुव समेत कई पुलिस अफसरों के ठिकानों पर सीबीआई की मौजूदगी देखी जा रही है। सूत्र तस्दीक कर रहे है कि महादेव ऐप घोटाले में कई अधिकारी शामिल थे। दुबई से कई सटोरियों ने तस्दीक की थी कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के साथ उनका लेन-देन का नाता था।

महादेव ऐप सट्टे के संचालन को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल के अलावा पुलिस के कई वरिष्ठ अफसरों को प्रतिमाह 30 से 50 लाख रुपये बतौर प्रोटेक्शन मनी के दिए जाते थे। यह भी बताया जा रहा है कि जेल में बंद पुलिस अधिकारी चंद्रभूषण वर्मा ने ED को दिए अपने बयान में तस्दीक करते हुए कहा था कि वे तय रकम नेताओं और अपने अधिकारियों को नियत स्थान पर सौंपा करते थे।

सीबीआई की छापेमारी से राजनीति गरमाई हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अब अपनी सफाई में सीबीआई पर राजनैतिक हमला किया है। उधर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी से प्रशासनिक अमला भी गहमा-गहमी में है। बताया जाता है कि नेता और अधिकारी हर माह करोड़ों रुपये कमाने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये उसे सुरक्षित कारोबार में निवेश करते थे। फ़िलहाल, छापेमारी जारी है।