दिल्ली/रायपुर: सीबीआई ने छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा प्रकरण के तह में जाकर उस शख्स की खोजबीन शुरू कर दी है, जिसके हाथों में हर माह करीब डेढ़ करोड़ रुपये सौंपे जाते थे। बतौर प्रोटेक्शन मनी वसूली जा रही यह मोटी रकम अंतिम कड़ी के रूप में तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास तक पहुंचती थी। यह रकम कितने हाथों से गुजर कर सौम्या चौरसिया के सरकारी दफ्तर तक रफ़्तार भरती थी, एजेंसियां उन हाथों की खोजबीन में जुटी हुई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि सौम्या के हाथों में रकम पहुंचने के बाद उसे सत्ता के अगले ‘शीर्ष’ पर चढ़ाया जाता था या फिर मैडम खुद यह रकम डकार जाती थी। इस खोजबीन में एजेंसियां माथापच्ची में जुटी, बताई जा रही है।

सूत्र तस्दीक करते है कि महादेव ऐप घोटाले की अंतिम कड़ी खंगालने के लिए सीबीआई ने दिन-रात एक कर दिया है। इस सिलसिले में दुर्ग के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव से पूछताछ के बाद उनके दोनों करीबी पुलिसकर्मियों क्रमशः संबित मिश्रा और पूर्णबहादुर को तलब कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही पुलिसकर्मियों से पूछताछ के बाद एक महत्वपूर्ण कड़ी एजेंसियों के हाथ लगी है।

इसमें दर्जनभर से ज्यादा महादेव ऐप सट्टा पैनल ऑपरेटर और अन्य बुकीज से पूछताछ की जा रही है। प्रदेश में महादेव ऐप सट्टा संचालन का मुख्यालय दुर्ग-भिलाई में स्थित था। यही से समस्त गतिविधियां संचालित की जाती थी। दुबई आवाजाही करने वाले ज्यादातर सटोरियों ने भिलाई में अपना ठिकाना बनाया हुआ था। इनमे से ज्यादातर सटोरिये पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी और चिर-परिचित बताये जाते है।

यह भी बताया जाता है कि सीबीआई ने जिन ठिकानों पर छापेमारी की थी, वहां से बरामद सामग्रियों का पूरा ब्यौरा तैयार कर लिया गया है। गौरतलब है कि 26 मार्च को एजेंसियों ने रायपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव के साथ ही मध्यप्रदेश में भोपाल, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में कोलकाता स्थित लगभग 60 ठिकानों में दबिश दी थी। सीबीआई की छापेमारी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व सीएम के तत्कालीन सलाहकार विनोद वर्मा, तत्कालीन ओएसडी आशीष वर्मा, मनीष बंछोर, समेत कई आईपीएस अधिकारियों के यहाँ दबिश दी थी।
पुलिस अधिकारियों में आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख, प्रशांत अग्रवाल, अभिषेक माहेश्वरी और संजय ध्रुव समेत आरक्षक नकुल सहदेव और अन्य पुलिसकर्मी शामिल है। जबकि जेल की हवा खा रहे सेवानिवृत आईएएस अनिल टुटेजा और राज्य सेवा की निलंबित डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी।

सीबीआई ने महादेव सट्टा प्रकरण में जेल की हवा खा रहे आरोपियों से पूछताछ का भी खांका खींचा है। यह भी बताया जा रहा है कि अपेक्षित कामयाबी मिलने के बाद सीबीआई ने जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। देशभर के कई राज्यों में सटोरियों की संपत्ति भी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल समेत अन्य के खिलाफ महादेव ऐप घोटाले में EOW में दर्ज प्रकरण की विवेचना के आधार पर भी सबूतों की जांच-पड़ताल कादौर जारी बताया जाता है।

यह भी बताया जा रहा है कि एक के बाद एक मजबूत कड़ी सामने आने के बाद दागी आईपीएस अधिकारियों पर एजेंसियों का शिकंजा लगातार कसते जा रहा है। हालांकि विवेचना से जुड़ी कोई भी जानकारी एजेंसियों ने अभी तक आधिकारिक रूप से साझा नहीं की है। लिहाजा पुलिस अधिकारियों एवं अन्य के ठिकानों से जब्त सामग्री को लेकर सीबीआई के अधिकृत ब्यौरे का इंतजार भी किया जा रहा है।