
रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती परीक्षा घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आज एक बार फिर मोर्चा लिया है। उसने पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत 5 नए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई की नई फेहरिस्त चौंकाने वाली बताई जाती है। एजेंसी ने पुख़्ता सबूतों के आधार पर अपनी वैधानिक कार्यवाही को अंजाम दिया है। सीबीआई ने आज रिटायर्ड IAS जीवन किशोर ध्रुव, उनके बेटे सुमीत ध्रुव और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से एक बार फिर पूछताछ के लिए एजेंसी को रिमांड मिलने के आसार है। गिरफ्तार आरोपियों को विशेष अदालत में पेश किया गया,जहां आगे की तहकीकात के लिए कोर्ट से आरोपियों की रिमांड की मांग की गई है।

जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित सुमित ध्रुव समेत तीन अन्य आरोपी शामिल हैं। सुमित को सीजीपीएससी के पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव का पुत्र है। सीबीआई ने इन सभी से लंबी पूछताछ की, जो 2020-2022 की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं से जुड़ी है। इससे पहले दिसंबर 2024 में भी आरती वासनिक से सीबीआई ने पूछताछ की थी।
गौरतलब है, कि सीजीपीएससी घोटाले का यह मामला इसी साल रंग लाया है, दरअसल जुलाई 2024 में राज्य सरकार ने प्रकरण सीबीआई को सौंपा था। छत्तीसगढ़ सरकार ने रायपुर और बालोद जिले में इस मामले में दर्ज दो एफआईआर की जांच केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को हस्तांतरित की थी। राज्य में पिछले दरवाज़े से डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ सरकारी पदों पर अयोग्य उम्मीदवारों का चयन किया गया था। इस घोटाले में अब तक आधा दर्जन से अधिक आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उनके भतीजे नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी, पूर्व उप नियंत्रक परीक्षा ललित गणवीर, श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका शामिल हैं। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है, कि आरोपियों से रिमांड के दौरान होने वाली पूछताछ कई अधिकारियों और नेताओं के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है।