
भुवनेश्वर : – बिजली विभाग से ताल्लुक रखने वाले एक इंजीनियर साहब 20 हजार की रिश्वत लेते धरे गए। उन्हें कब्जे में लेने के बाद विजिलेंस की टीम ने अचानक अपना शिकंजा कस दिया। रिश्वतखोर अफसर को लेकर उनके घर पहुंची विजिलेंस की टीम ने जब आलमारी और पलंग टटोला तो ”साहब” के होश उड़ गए। दरअसल, इस टीम ने जिस स्थान पर हाथ डाला, वहां से नोटों के बंडल के बंडल हाथ लगने लगे। लोग हैरान है कि एक वक्त की रोटी के लिए जहाँ आम इंसान को दिनभर एड़ियां रगड़नी पड़ती है, वही कई सरकारी अधिकारी मिनटों में लाखो – करोड़ो पर हाथ साफ़ कर देते है।

छत्तीसगढ़ के पडोसी राज्य ओडिशा में आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी एक बड़ी कार्रवाई में ऐसा ही मामला सामने आया है। ओडिशा विजिलेंस विभाग ने टाटा पावर सेंट्रल ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPCODL) के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर तुषारकांत राय को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। रिश्वत की यह रक़म एक ठेकेदार से ट्रांसफॉर्मर की फाइनल इंस्पेक्शन रिपोर्ट सिर्फ समय पर प्रदान करने के बदले में मांगी गई थी।

एक शिकायत के बाद विजिलेंस टीम ने इस रिश्वतखोर अधिकारी को दबोचने के लिए पूरी योजना तैयार की। बीती रात इंजिनियर तुषारकांत राय ने तय रकम के साथ उस ठेकेदार को अपने घर बुलाया था। महंगे ब्रांडेड कपडे पहने इंजिनियर साहब घर के बाहर स्थित एक पार्क में टहलने पहुंचे और उस ठेकेदार को नगद रकम सौंपने के लिए बुलाया। जानकारी के मुताबिक जैसे ही ठेकेदार ने रिश्वत की राशि उन्हें सौंपी, वहां पहले से मौजूद विजिलेंस की टीम ने इस इंजिनियर को रंगे हाथ पकड़ लिया।

रिश्वत का 20,000 रुपये के विभिन्न नोट उनके जेब से बरामद कर जब्त कर लिए गए। रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद विजिलेंस टीम ने तुषारकांत राय के घर छापेमारी की। उनके घर से 9,53,200 नकद बरामद किए गए। इसके अलावा रिश्वतखोर अधिकारी के अन्य ठिकानों पर भी देर रात से तलाशी जारी है। यह भी बताया जा रहा है कि उसके ठिकानों से करोड़ो के गहने भी जब्त किये गए है। इस पूरी कार्रवाई के बाद भुवनेश्वर विजिलेंस पुलिस स्टेशन में मामला संख्या 21 दिनांक 24.09.2025 के तहत भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 2018 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। फिलहाल, इस मामले की जांच जारी है, और यह भी देखा जा रहा है कि राय पहले से किसी अन्य भ्रष्टाचार गतिविधि में शामिल रहे हैं या नहीं। जानकारी के अनुसार, एक इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रैक्टर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि तुषारकांत राय पिछले दो महीनों से उसकी फाइनल इंस्पेक्शन रिपोर्ट नहीं दे रहे थे, जो एक अपार्टमेंट बिल्डिंग में लगाए गए ट्रांसफार्मर से जुड़ी थी। यह रिपोर्ट मिलने के बाद ही ठेकेदार को अपने बिल का भुगतान मिल सकता था। लिहाजा, त्यौहार को देखते हुए पीड़ित ने इस इंजिनियर से बार-बार अनुरोध किया था, बावजूद इसके रिपोर्ट नहीं दी जा रही थी। उनके दफ्तर के किसी कर्मी ने बताया कि टेबल के नीचे या ऊपर से इंजीनियर साहब कम से कम 20,000 रुपये से कम नहीं लेते है। एक हाथ दो, दूसरे हाथ रिपोर्ट लो, यही उनका उपचार है, मजबूर होकर ठेकेदार ने ओडिशा विजिलेंस विभाग से संपर्क किया था।