खाकी वर्दी का वहशीपन, अर्ध-नग्न अवस्था में कराई नाबालिगों की परेड, बवाल मचने के बाद पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुआ मामला

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नागपुर / महाराष्ट्र के नागपुर शहर में पुलिस के वहशीपन का मामला सामने आया है | स्थानीय पुलिस ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले नाबालिग बच्चों को इक्क्ठ्ठा कर आदतन अपराधियों के समूह की तर्ज पर उनकी अर्ध-नग्न अवस्था में परेड कराई | इस दौरान कई बच्चे मारे डर के रोते बिलखते नजर आये | इस दौरान पुलिसकर्मी उन्हें डंडा मारने से भी नहीं चुके | पीड़ित बच्चों ने पुलिस से रहम की गुहार भी लगाई | लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं बख्शा | कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो बना कर वायरल कर दिया | जब ये मामला लोगों के सामने आया तो पुलिस की हैवानियत देखकर वे भी हैरत में पड़ गए | यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।

बवाल मचने के बाद बच्चों की परेड कराने वाली पुलिस टीम के खिलाफ ‘किशोर न्याय अधिनियम’ के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।नागपुर के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक खुशाल तिजारे, उप-निरीक्षक विजय धूमल और उत्तरी नागपुर में जरीपटका पुलिस थाने के पांच हवलदारों ने नाबालिगों को अर्ध-नग्न अवस्था में शहर की एक व्यस्त सड़क पर परेड करवाई थी | इन बच्चों के साथ सार्वजानिक तौर पर मारपीट भी की गई थी। सामाजिक कार्यकर्ताओं की आपत्ति और शिकायत के बाद अब इन पुलिसकर्मियों पर नाबालिगों की पहचान उजागर करने के लिए ‘किशोर न्याय अधिनियम’ की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बताया जाता है कि 23 सितंबर को पांच नाबालिग बच्चों ने हथियारों से लैस होकर जरीपटका के एक बार में शराब पी थी। इस दौरान बार के मालिक संजय पाटिल और वेटर्स के साथ इन नाबालिगों की बहस हो गई। आरोप है कि नाबालिगों ने बार से कुछ नकदी भी चुरा ली। बार में नाबालिगों के हंगामे की घटना बार में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। बार मालिक की शिकायत पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया। यहां हैरान करने वाली बात यह है कि सभी पांचों लड़कों को पुलिस थाने लाने से पहले अर्ध-नग्न अवस्था में शहर की एक व्यस्त सड़क पर परेड कराई गई। इस दौरान सड़क पर भारी भीड़ जुट गई और उसमें से कुछ राहगीरों ने मोबाइल फोन में इस घटना का वीडियो बना लिया।

वहीं, इस घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर पुलिस टीम की वाहवाही की। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने पुलिस टीम की इस कार्रवाई को अनुचित बताया। दूसरी तरफ, तीन नाबालिग आरोपियों के परिजनों ने पुलिस टीम की इस कार्रवाई के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के हस्तक्षेप के बाद, सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नाबालिगों की दूसरी मेडिकल जांच की गई, जिसमें पुलिस के डंडे से चोटों का पता चला।

जब इस घटना की जानकारी शहर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार को चली, तो उन्होंने सहायक आयुक्त परशुराम कार्याकार्टा के माध्यम से जांच कराई | यह जाँच सच पाई गई | इस मामले में एक प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, नवीन रेड्डी ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए | उन्होंने कहा कि विभाग घटना की आगे की जांच कर रहा है और पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। उधर नाबालिगों को बार में बिठा कर शराब परोसे जाने को लेकर बार मालिक के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है |

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