Cannabis bill: इस राज्य में अब धड़ल्ले से कर सकेंगे भांग की खेती, सरकार हटा रही BAN, वजह ही है कुछ ऐसी….

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Cannabis bill: हिमाचल में आर्थिक हालात धीरे-धीरे काफी खराब हो रहे हैं. विधायकों के वेतन ना लेने के फैसले के बाद. अब सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में भांग की कमाई से अपनी माली हालात सुधारने का फैसला किया है. सुक्खू के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने तो बाकायदा कागज पर सारे नफे नुकसान का अंदाजा लगाते हुए विधानसभा में बिल पेश करने की तैयारी कर ली है. हिमाचल की पहाड़ियों पर उगने वाली भांग अब राज्य की आर्थिक हालात सुधारेगी. राज्य की कांग्रेस सरकार भांग की खेती को वैध बनाने की तैयारी में है. हालांकि ये जरूरी नहीं मजबूरी है कि सरकार को इसकी खेती से बैन हटाने का फैसला लिया है.

हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी इस संबंध में रिपोर्ट पेश करेंगे. इसे लेकर 26 अप्रैल, 2023 को एक समिति का गठन हुआ था. इस समिति ने राज्य में भांग के औषधीय, वैज्ञानिक और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए कैनाबिस (भांग) की खेती को वैध बनाने के मुद्दे पर अध्ययन करने के लिए किया था. गौरतलब है कि इसमें चरस शामिल नहीं होगी. कमेटी के गठित होने के बाद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, सोलन और सिरमौर जिला का दौरा किया था.

हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भांग की खेती को कानूनी रूप देने वाला बिल पेश होगा. उन्होंने कहा कि हमारी आबकारी नीति से हमें फायदा हुआ है. इसे लीगल तरीके से उगाएंगे. हिमाचल के आर्थिक हालात को लेकर पहले ही सुक्खू सरकार बीजेपी के निशाने पर है. देखना होगा कि उनका ये फैसला कितना सही साबित होता है.

भारत में बीते करीब 40 सालों से भांग की खेती करना गैरकानूनी रहा है. हालांकि गैरकानूनी तरीके से तो देशभर में भांग की खेती होती आई है. कोई कमाई के लिए तो कोई खुद के इस्तेमाल के लिए इसे जड़ी-बूटी बताकर इसके इक्का-दुक्का पौधे लगाता आया है. हालांकि हिमाचल प्रदेश की बात करें तो आज बीजेपी विपक्ष में है तो इसे मुद्दा बना रही है, वरना जय राम ठाकुर की सरकार ने भी 2018 में इसे कानूनी रूप देने की घोषणा की थी. अब कांग्रेस की सरकार संकट में है. ऐसे में उसका का दावा है कि भांग की खेती को मंजूरी देने से राज्य को करीब 500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी. गौरतलब है कि सन 1985 में भारत में भांग की खेती को अपराध घोषित किया गया था.

अब जब भांग की खेती से बैन हट गया है तो हर कोई इसे अपनी क्यारी से लेकर बालकनी, छज्जों और छत में भी अपनी सुविधा अनुसार उगा सकेगा. कुछ लोग सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं है, उनका मानना है कि इससे युवाओं में भांग की लत लग सकती है. इसलिए वो इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.

यूं तो भांग नशे के रूप में बदनाम है. लेकिन इसके कुछ औषधीय फायदे भी हैं. देशभर में आपको अंग्रेजी या देशी शराब के सरकारी ठेके की तरह सरकारी भांग की दुकानें भी दिख जाएंगीं. देश के कई शहरों में पुरानी पीढ़ी के लोग इसके फायदे भी बताते हैं. इसका नियमित सेवन करने वालों से इतर इसका इस्तेमाल दवाई के लिए भी किया जाता है. आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि भांग से उल्टी, बदन दर्द समेत तमाम बीमारियों का इलाज होता है. कुछ एक्सपर्ट इसे पाचन तंत्र से जुड़ा बताते हैं तो आयुर्वेद वाले इसे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर देखते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इसके सेवन से भूख खुल जाती है. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. इसे बीपी कंट्रोल करने और यहां तक की कोलेस्ट्रोल को कम करने में भी कारगर माना जाता है. इसका इस्तेमाल गठिया (अर्थराइटिस) की बीमारी में किया जाता है.

डिस्क्लेमर: प्रिय पाठक हमारी ये खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. इस खबर को प्रकाशित करने का मतलब आपको किसी खबर की गहराई और विस्तार से जानकारी देना है, कृपया किसी भी बीमारी का खुद से देसी इलाज न करें, डॉक्टर को दिखाएं. ये नीम या कढ़ी पत्ता नहीं है, इसके सेवन से कुछ दुष्परिणाम भी हो सकते हैं.