मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknatn Shinde) और उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के शपथ ग्रहण के 22 दिन बाद भी महाराष्ट्र में नई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार हो रहा है. शुक्रवार को दोनों के दिल्ली दौरे के बाद शीर्ष भाजपा नेतृत्व मंत्रियों की सूची को मंजूरी दे सकता है. हालांकि, राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार की तारीख अभी तय नहीं हुई है. शिंदे और फडणवीस निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होने के लिए शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे. महाराष्ट्र में, भाजपा और शिंदे दोनों खेमे के विधायक भी न केवल मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख को लेकर, बल्कि विभागों के बंटवारे को लेकर भी अनिश्चित हैं.
भाजपा शनिवार को पनवेल में राज्य कार्यकारिणी की बैठक करेगी, जिसमें फडणवीस शामिल होंगे. एक दिन बाद, शिंदे को ठाणे में धनगर समुदाय के सदस्यों द्वारा सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा. सोमवार को दोनों नेता निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. वहीं भाजपा नेताओं के साथ एक और बैठक होने वाली है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा के मानसून सत्र से दो से तीन दिन पहले होगा, जो अगस्त के पहले सप्ताह में हो सकता है.”
शिंदे खेमे के पूर्व मंत्री ने कही ये बात
शिंदे खेमे के एक पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्हें अभी तक मंत्रियों के शपथ ग्रहण की तारीख के बारे में सीएम से सुनना बाकी है. शिंदे को छोड़कर, पिछली एमवीए सरकार के आठ मंत्री- चार कैबिनेट और चार राज्य मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह में शामिल हुए थे. पार्टी सूत्रों ने कहा कि इन सभी को नए मंत्रिमंडल में शामिल करना होगा. बकौल द इंडियन एक्सप्रेस, इसके अलावा, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को भी महत्वपूर्ण विभागों के साथ मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है.
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
राज्य कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि राज्य को चलाने के लिए संविधान के अनुसार कम से कम 12 मंत्रियों की आवश्यकता होती है, उन्होंने कहा, “शिंदे-फडणवीस सरकार को केवल दो मंत्रियों के साथ, इस बात पर प्रकाश डालना चाहिए कि संविधान के अनुच्छेद 164 (1 ए) के साथ ये क्या करना है. इस दो मंत्रिस्तरीय सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को असंवैधानिक कहना गलत नहीं होगा.” हालांकि, भाजपा विधायक आशीष शेलार के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उक्त अनुच्छेज, मंत्रिमंडल के कुल आकार से संबंधित है और उसमें समय सीमा का कोई संदर्भ नहीं है जिसके भीतर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना है.
