शिवसेना के मुखपत्र सामना के ताजा अंक में लिखा गया है कि अमित शाह ने CAA के मसले पर हुई हिंसा के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर इल्जाम लगाए हैं, तो फिर उन्होंने अब तक इन दोनों नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है ?अपने इस समाचार में शिवसेना ने अमित शाह के आरोपों पर राहुल-प्रियंका का बचाव किया हैं | सामना ने अमित शाह से पूछा कि अब तक हिंसा कराने वालों पर एक्शन क्यों नहीं ?उधर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी और शाहीनबाग इलाके में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है, साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में इस कानून के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है | केंद्र सरकार और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी इस कानून की मुखालफत को अफवाह और भ्रम से जोड़ रही है |बीजेपी ने विशेषकर कांग्रेस नेताओं पर जनता को बरगलाने का आरोप लगाया है | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने CAA के विरोध में हुई हिंसा के लिए सीधे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का नाम लेकर उन्हें जिम्मेदार बताया है | शाह ने अपनी सभाओं और प्रेस वार्ता में इन आरोपों को दोहराया हैं | राहुल और प्रियंका के खिलाफ इन आरोपों पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि अगर ऐसा है तो अमित शाह इन नेताओं के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लेते |
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लगातार अपने भाषणों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्षी नेताओं की आलोचना कर रहे हैं | रविवार और सोमवार को दिल्ली में हुए अपने दो अलग-अलग भाषणों में अमित शाह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम लेकर उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया | इतना ही नहीं, अमित शाह ने दोनों नेताओं पर नागरिकता कानून को लेकर जनता को गुमराह कर दंगे करवाने का भी आरोप लगाया | शाह के इसी बयान पर मंगलवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में उठाया गया है | सामना में लिखा गया है कि अमित शाह ने CAA के मसले पर हुई हिंसा के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर इल्जाम लगाए हैं, तो फिर उन्होंने अब तक इन दोनों नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है | इसके अलावा लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए यह भी लिखा गया कि बीजेपी को लगा रहा था नागरिकता कानून से हिंदू और मुस्लिम अलग-अलग हो जाएंगे और दंगे हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ | आगे लिखा गया कि CAA सिर्फ मुस्लिम नहीं, हिंदुओं को भी प्रभावित करने वाला कानून है इसीलिए हिंदू समाज भी सड़कों पर उतरा है | फ़िलहाल देखना होगा कि सामना का यह अंक क्या रंग लाता हैं |