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देश के पीडीएस सिस्टम पर सेंधमारी , गरीबों का अनाज खुले बाजार में , छत्तीसगढ़ में अभी भी हजारों बोगस और फर्जी राशन कार्ड निरस्त करने की आवश्यकता , सरकारी अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम, 4 करोड़ 39 लाख फर्जी और डुप्लिकेट राशन कार्ड किए गए निरस्त

नई दिल्ली / छत्तीसगढ़ के पीडीएस सिस्टम की चर्चा पहले भी देशभर में हो रही थी | लेकिन अब कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद भी राज्य का पीडीएस सिस्टम चर्चा में है | दरअसल राज्य में लाखों फर्जी राशन कार्ड निरस्त करने के बावजूद अब भी केंद्र सरकार को बड़ी कार्रवाई का इंतजार है | बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में अभी भी पीडीएस सिस्टम में बड़ा लीकेज है | इसका मुख्य कारण वो हजारो-लाखों फर्जी और बोगस राशनकार्ड है जो विभिन्न जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अनाज माफियाओं के हाथों में है | केंद्र सरकार के अफसरों ने बड़े पैमाने पर विभिन्न राज्यों की रिपोर्ट के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली से 43.9 मिलियन फर्जी और बोगस राशन कार्डों को निरस्त कर दिया है |  ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सब्सिडी वाला अनाज वास्तविक लाभार्थियों के बीच वितरित किया जाए। सरकार ने कहा कि निरस्त किए गए राशन कार्ड के स्थान पर नए राशन कार्ड नियमित रूप से सही और पात्र लाभार्थियों या घरों को जारी किए जा रहे हैं।

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीडीएस के आधुनिकीकरण के लिए टैक्नोलॉजी संचालित सुधारों के बीच, वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक की अवधि के दौरान देश में राज्य सरकारों द्वारा अब तक कुल 4.39 करोड़ अयोग्य या फर्जी राशन कार्डों को निरस्त किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि 2013 से पहले बड़ी संख्या में फर्जी और डुप्लिकेट राशन कार्ड थे। पिछले सात वर्षों में, हमने सिस्टम में किसी भी लीकेज को रोकने के लिए ध्यान केंद्रित किया है। मंत्रालय के अधिकारीयों के मुताबिक अभी भी कई राज्यों में फर्जी राशनकार्डों के निरस्तीकरण की जरूरत है | अधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अभी भी ऐसे राशन कार्ड प्रचलन में बताये जा रहे है , जो बोगस है |  

खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हमें डुप्लीकेट कार्ड की पहचान करने की जरूरत थी। उनके नामों को हटाए गए जिनका निधन हो गया या आधार कार्ड के बिना थे। पीडीएस में पारदर्शिता लाने और दक्षता में सुधार करने के लिए सरकार ने लाभार्थियों के डेटाबेस का डिजिटलीकरण किया है और इसे आधार संख्या का दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है जिससे अयोग्य और बोगस राशन कार्डों का पता लगाने में मदद मिली है।

अधिकारी ने कहा कि अयोग्य राशन कार्डों का निराकरण करते हुए, हम प्रत्येक चरण और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परिभाषित कवरेज की सीमा के भीतर नए लाभार्थियों को जोड़ते रहते हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 813.5 मिलियन लोगों को कवरेज प्रदान करता है, जो देश की आबादी का करीब दो-तिहाई है। वर्तमान में, 800 मिलियन से अधिक लोग हर माह इस आधार पर सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि ये लोग पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हर महीने 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न के लिए पात्र हैं। सरकार इस योजना का विस्तार कर सकती है, जिसे इस साल मार्च में कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति से लड़ने के लिए शुरू की गई थी। 

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