Ganesha Stotram: बुधवार का दिन गणपति बप्पा को समर्पित है. इस दिन गौरी पुत्र गणेश जी की विधि अनुसार की जाती है. इस दिन गणेश जी की पूजा अर्चना और व्रत का संकल्प करने से किसी भी काम में कोई बाध हीं आती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, बुधवार के दिन गणेश जी की उपासना करने से भक्त को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिल जाती है. बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करने के दौरान अगर गणेश स्तोत्र का पाठ करना जीवन में मंगल ही मंगल लाता है. आइए पढ़ें पूरा गणेश स्तोत्र.
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गणेश स्तोत्र (Ganesha Stotram)
“शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।”
“येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥”
“चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।”
“विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥”
“तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।”
“साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥”
“चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।”
“सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥”
“अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।”
“तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥”
“इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।”
“एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥”
“तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।”
“क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥”
(Disclaimer- प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. News Today इसकी पुष्टि नहीं करता है.)