नई दिल्ली / वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 01 फरवरी को आम बजट 2021 संसद में पेश कर दिया है। सीनियर सिटिजन के लिए टैक्स में राहत, 75 साल से ऊपर के लोग टैक्स नहीं भरना होगा। यानी पेंशनधारकों को इनकम टैक्स रिटर्न भरने से राहत दी गई है। छोटे टैक्सपेयर्स के लिए डिस्पुट Resoln बनाए जाएंगे। एनआरआई टैक्स नियमों में बदलाव किया जाएगा। हालांकि अन्य डायरेक्ट टैक्स चुकने वालों को कोई राहत नहीं दी गई है। ऐसी उम्मीद थी कि टैक्स छूट दी जाएगी। सीतारमण के पहले बजट के पेश होने के महज दो महीने बाद कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती की गई थी। इस बजट में स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे और रक्षा पर अधिक खर्च के जरिये आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
2.5 लाख रुपए की आय पर टैक्स नहीं लगता है। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की आय पर 5% टैक्स लगता है। 5 लाख रुपए से 7.5 लाख रुपए की आय पर 10% टैक्स लगता है। 7.5 लाख रुपए से 10 रुपए की आय पर 15% टैक्स लगता है। 10 लाख से 12.5 लाख रुपए की आय पर अब 20% टैक्स लगता है। 12.5 लाख रुपए से 15 लाख रुपए की आय पर 25% टैक्स लगता है। 15 लाख रुपए से ज्यादा आय वालों पर पहले की तरह 30% टैक्स लगता है।
बजट की बड़ी बातें
डिविडेंड पेमेंट पर अब TDS नहीं लगेगा।
सभी के लिए घर हमारे लिए प्रायोरिटी है। होम लोन पर ब्याज में 1.5 लाख रुपए की कटौती का प्रावधान था। अब किफायती घर के लिए ब्याज में 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट 31 मार्च 2022 तक मिलेगी।
किसानों के लिए
- 2021-22 में एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट 16.5 लाख करोड़ का है। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में जल्द खराब होने वाली 22 फसलों को शामिल किया जाएगा।
- एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड तक एपीएमसी की भी पहुंच होगी। कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट जैसे शहरों में 5 बड़े फिशिंग हार्बर बनेंगे। तमिलनाडु में मल्टीपर्पज सी-विड पार्क बनेगा।
गरीबों के लिए
- वन नेशन, वन राशन कार्ड को 32 राज्यों में लागू किया जाएगा। 86% लोगों को इसमें कवर किया जा चुका है।
- उज्ज्वला योजना का फायदा 1 करोड़ और महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा।
इंश्योरेंस-बैंकिंग सेक्टर के लिए
- इंश्योरेंस एक्ट 1938 में बदलाव होंगे। इंश्योरेंस सेक्टर में FDI को 49% से बढ़ाकर 74% किया जाएगा।
- IDBI के साथ-साथ दो बैंक और एक पब्लिक सेक्टर कंपनी में विनिवेश होगा। इसके लिए कानून में बदलाव होंगे। LIC के लिए भी IPO लाया जाएगा।
- सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा, बैंकों को NPA से छुटकारा दिलाने के लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाई जाएगी।
असम-बंगाल की टी-वर्कर्स महिलाओं के लिए 1000 करोड़
वित्त मंत्री ने कहा, “अगली जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी। इस पर इस साल 3768 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गोवा पुर्तगाल से आजादी का डायमंड जुबली ईयर सेलिब्रेट कर रहा है। इसके लिए 300 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। असम और बंगाल की महिला टी-वर्कर्स और उनके बच्चों के लिए 1000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।”
एजुकेशन के लिए
- एनजीओ, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर की मदद से 100 नए सैनिक स्कूलों की शुरुआत होगी।
- लद्दाख में हायर एजुकेशन के लिए लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी।
- आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल स्कूलों में सुविधाओं का सुधार होगा।
- अनुसूचित जाति के 4 करोड़ बच्चों के लिए 6 साल में 35219 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- आदिवासी बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप भी लाई जाएगी।
हेल्थ के लिए
- कोरोना वैक्सीन पर 2021-22 में 35,000 करोड़ खर्च किए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो और ज्यादा फंड दिया जाएगा।
- न्यूट्रिशन पर भी ध्यान दिया जाएगा। मिशन पोषण 2.0 शुरू किया जाएगा। वॉटर सप्लाई भी बढ़ाएंगे। 5 साल में 2.87 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- शहरी इलाकों के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया जाएगा। शहरी स्वच्छ भारत मिशन पर 1.48 लाख करोड़ 5 साल में खर्च होंगे।
- निमोकोक्कल वैक्सीन को देशभर में शुरू किया जाएगा। इससे 50 हजार बच्चों की हर साल जान बचाई जा सकेगी।
- 64,180 करोड़ रुपए के बजट के साथ प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू होगी। यह बजट नई बीमारियों के इलाज के लिए भी होगा।
- 70 हजार गांवों के वेलनेस सेंटर्स को इससे मदद मिलेगी। 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल शुरू होंगे। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को मजबूत किया जाएगा।
- इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल शुरू किया जाएगा ताकि पब्लिक हेल्थ लैब्स को कनेक्ट कर सकें। 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स शुरू किए जाएंगे। 9 बायो सेफ्टी लेवल 3 लैब शुरू होंगी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर
- इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट की जरूरत है। इसके लिए एक बिल लाया जाएगा। 20 हजार करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे ताकि 5 लाख करोड़ रुपए का लैंडिंग पोर्टफोलियो 3 साल में बनाया जा सके।
- पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को मॉनेटाइज करने पर ध्यान दिया जाएगा। नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन लॉन्च होगी। इसका एक डैशबोर्ड बनेगा ताकि इस मामले में हो रही तरक्की को देखा जा सके।
- नेशनल हाईवेज अथॉरिटीज भी अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करेंगी। रेलवे भी फ्रेट कॉरिडोर को मॉनेटाइज करेगी। आगे जो भी एयरपोर्ट बनेंगे, उनमें भी मॉनेटाइजेशन पर ध्यान दिया जाएगा।
रेलवे
- रेलवे ने नेशनल रेल प्लान 2030 बनाया है ताकि फ्यूचर रेडी रेलवे सिस्टम बनाया जा सके और लॉजिस्टिक कॉस्ट कम की जा सके। जून 2022 तक ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। सोमनगर-गोमो सेक्शन पीपीपी मोड में बनाया जाएगा।
- गोमो-डानकुनी सेक्शन भी इसी तरह बनेगा। खड़गपुर-विजयवाड़ा, भुसावल-खड़गपुर, इटारसी-विजयवाड़ा में फ्यूचर रेडी कॉरिडोर बनाए जाएंगे। दिसंबर 2023 तक 100% ब्रॉडगेज का इलेक्ट्रिफिकेशन होगा।
- विस्टा डोम कोच शुरू होंगे ताकि यात्रियों को अच्छा अनुभव हो। हाई डेंसिटी नेटवर्क, हाई यूटिलाइज नेटवर्क पर ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम शुरू किए जाएंगे। ये सिस्टम देश में बनेंगे।
- 1.10 लाख करोड़ रुपए रेलवे को दिए जा रहे हैं। 1.07 लाख करोड़ रुपए सिर्फ कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए हैं।
मेट्रो
- शहरी इलाकों में बस ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू किया जाएगा। 20 हजार बसें तैयार होंगी। इससे ऑटो सेक्टर को मदद मिलेगी और रोजगार बढ़ेगा।
- 702 किमी मेट्रो अभी चल रही हैं। 27 शहरों में कुल 1016 किमी मेट्रो पर काम चल रहा है। कम लागत से टियर-2 शहरों में मेट्रो लाइट्स और मेट्रो नियो शुरू होंगी।
- कोच्चि मेट्रो में 1900 करोड़ की लागत से 11 किमी हिस्सा बनाया जाएगा। चेन्नई में 63 हजार करोड़ रुपए की लागत से 180 किमी लंबा मेट्रो रूट बनेगा।
- बेंगलुरु में भी 14788 करोड़ रुपए से 58 किमी लंबी मेट्रो लाइन बनेगी। नागपुर 5976 करोड़ और नासिक में 2092 करोड़ से मेट्रो बनेगी।
चुनाव वाले 4 राज्यों के लिए
- भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए 3.3 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे। 3500 किमी नेशनल हाईवेज प्रोजेक्ट के तहत तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका कंस्ट्रक्शन अगले साल शुरू होगा।
- 1100 किमी नेशनल हाईवे केरल में बनेंगे। इसके तहत मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर भी बनेगा। केरल में इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- बंगाल में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से हाईवे बनेंगे। कोलकाता-सिलीगुड़ी रोड का अपग्रेडेशन होगा। 34 हजार करोड़ रुपए असम में नेशनल हाईवेज पर खर्च होंगे।
व्हीकल स्क्रैपिंग
- वॉलंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी लाई जाएगी, ताकि पुरानी गाड़ियों को हटाया जा सके। इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।
- गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट होगा। पर्सनल व्हीकल 20 साल बाद और कमर्शियल व्हीकल 15 साल बाद स्क्रैप किए जा सकेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद होंगे महंगे
इनकम टैक्स के सेक्शन 80EA के तहत अब छूट को 31 मार्च, 2022 तक लिए गए लोन पर लागू किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगा होगा, मोबाइल और उसके चार्जर महंगे होंगे। स्टील और लोहे उत्पाद सस्ते होंगे। मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी का 2.5 प्रतिशत लगेगा।
डिजिटल पेमेंट को दिया जाएगा बढ़ावा
देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया। यह रकम डिजिटल पेमेंट के इंसेंटिव के तौर पर खर्च होगी। गोवा डायमंड जुबली सेलिब्रेशन मना रहा है। हम 300 करोड़ रुपए इसके लिए देंगे। 1000 करोड़ रुपए असम और पश्चिम बंगाल में टी वर्कर के लिए दिए जाएंगे।
कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़
कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़। नई बीमारियों पर फोकस होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का एलान किया। सरकार की ओर से इसके लिए 64180 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसी के साथ सरकार की ओर से स्थानीय मिशन को भारत में लॉन्च किया जाएगा। 64180 करोड़ नई स्वास्थ्य योजनाओं पर खर्च होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने का एलान किया। जिसके तहत शहरों में अमृत योजना को आगे बढ़ाया जाएगा, इसके लिए 2,87,000 करोड़ रुपये जारी किए गए।
सस्ते होंगे सोना-चांदी
देश में जल्द ही सोने और चांदी की कीमतों मे गिरावट देखने को मिलेगी। सरकार ने बजट में कस्टम ड्यूटी घटाने का प्रस्ताव दिया है। फिलहाल सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी 12.5 फीसदी है। बजट में इसे घटाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। इस कटौती का फायदा ग्राहकों को मिलेगा। महामारी के दौरान सोने और चांदी की बिक्री पर बुरा असर देखने को मिला था। फेस्टिव सीजन के साथ इसमें सुधार देखने को मिला, लेकिन बाजार अभी भी रिकवरी की कोशिश मे लगा हुआ है। सेक्टर ने सरकार से मांग की थी कि सरकार ऐसे कदम उठाए जिससे मांग में बढ़त देखने को मिले। सरकार के आज के कदम से कीमतें घटने पर मांग में बढ़त की उम्मीद है।