छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में BJP के बाद BSP ने दिखाई ताकत, जांजगीर-कोरबा-सक्ति में कांग्रेसी नेता महंत समर्थकों में मायूसी, कई उम्मीदवारों की जमानत जब्त…  

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रायपुर/पामगढ़: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है। यह पहला मौका है, जब दर्जनों इलाकों में बीजेपी ने नया इतिहास रचा है। पार्टी ने उन इलाकों में खासतौर पर अपना परचम लहराया है, जहाँ अब तक सिर्फ कांग्रेस उम्मीदवार ही परंपरागत रूप से अपनी जीत दर्ज कराते रहे थे। ऐसे नगरीय निकायों में बीजेपी के कब्जे से जहाँ पार्टी कार्यकर्ता गदगद है, वही BSP के खेमे में भी ख़ुशी की लहर नजर आ रही है। इन इलाकों में कांग्रेस को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। उसके गलियारों में इन दिनों मायूसी छाई हुई है।

दरअसल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चरण दास महंत के प्रभाव वाले इलाकों में BSP की सेंधमारी से कांग्रेस के लिए नया संकट खड़ा हो गया है। खासतौर पर पामगढ़ की नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर बसपा ने कब्जा कर लिया है। वहीं उसके 6 पार्षद भी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे है। इस नगर पंचायत में कांग्रेस के 3, भाजपा के 3 और 3 निर्दलीय पार्षद निर्वाचित हुए हैं। खास बात यह है कि इस इलाके में BSP ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। पामगढ़ में बसपा प्रत्याशी गौरी जांगडे ने नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर एकतरफा जीत हासिल की। जबकि पार्षदों में आधा दर्जन बसपा प्रत्याशियों ने बाजी मारी। यहाँ कांग्रेस प्रत्याशी शकुंतला मनोज खरे 329 वोट पाकर अंतिम स्थान पर रहीं।

बताते है कि उनकी जमानत जब्त होते-होते बची। कांग्रेस का यही हाल कोरबा, जांजगीर-चांपा और सक्ति जिले में नजर आया। कोरबा में कांग्रेस की महापौर उम्मीदवार उषा तिवारी बुरी तरह से पराजित हुई। सक्ति नगर पालिका में कांग्रेस का लगभग सफाया हो गया। यहाँ से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार रीना गैबरडीन को भी पराजय हाथ लगी। वे तीसरे नंबर पर जा खिसकी। बताया जाता है कि यहाँ से पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल का टिकट काटने से कांग्रेस का सफाया हो गया। श्याम सुन्दर अग्रवाल ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज कर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को हैरत में डाल दिया है। 

इस इलाके में श्याम सुंदर अग्रवाल के साथ उनके लगभग आधा दर्जन निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जीत दर्ज कर अपना लोहा मनवाया है। रीना गैबरडीन ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंकी थी। बावजूद इसके वे तीसरे नंबर पर रही। महंत के करीबी गुलजार सिंह की बेटी काजल किरण सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा। वे शक्ति जिला पंचायत क्रमांक-15 से कांग्रेस की उम्मीदवार थी। बताया जाता है कि चरण दास महंत ने कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी थी। लेकिन इस इलाके में कांग्रेसी उम्मीदवारों को कही BSP तो कही BJP उम्मीदवारों की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।