गृह मंत्रालय का बड़ा एक्शन: BSF चीफ नितिन अग्रवाल और स्पेशल डीजी खुरानिया पद से हटाए गए, भेजा गया होम कैडर

0
42

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के दो सीनियर अफसरों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। दोनों अफसरों को उनके पद से हटा दिया है। बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल और विशेष डीजी वाईबी खुरानिया को पद से हटाया गया है। बताया जा रहा है कि बीते एक साल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ बढ़ने की वजह से यह एक्शन लिया गया है। बीएसफ चीफ और स्पेशल डीजी बीएसएफ वाईबी खुरानिया को उनके होम कैडर में वापस भेज दिया गया है। नितिन अग्रवाल को जहां केरल कैडर वहीं, वाईबी खुरानिया को ओडिशा कैडर में वापस भेजा गया है।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में बीते एक साल से आतंकवादियों की लगातार घुसपैठ हो रही थी। इस बढ़ती घुसपैठ को कंट्राेल करने में बीएसएफ पूरी तरह से विफल रही। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी और सुरक्षा खामियों के चलते यह कड़ा निर्णय लेने की बात कही जा रही है। हालांकि, गृह मंत्रालय की ओर से इस फेरबदल की वजह नहीं बताई गई है।

हाल के दिनों में पंजाब सेक्टर से भी घुसपैठ के कई मामले सामने आ रहे हैं। बीएसफ ऐसी गतिविधियों को सही ढ़ंग से नहीं रोक पा रही है। बीते कई साल में यह पहली बार है जब इतने सीनियर अफसरों को ऐसे आनन-फानन में हटाया गया है। बीएसएफ, में करीब 2.65 लाख जवान हैं। यह पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश बॉर्डर की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी संभालती है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि नए अफसरों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।

नितिन अग्रवाल 1989 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं। उन्होंने पिछले साल जून में बीएसएफ चीफ का पदभार संभाला था। उनकी नियुक्ति 2026 तक के लिए थी, लेकिन अब उन्हें उनके कार्यकाल से पहले ही हटा दिया गया है। वहीं, वाईबी खुरानिया 1990 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी हैं। खुरानिया भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्पेशल डायरेक्टर जनरल (वेस्ट) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) के आदेश पर की है। यह आदेश 30 जुलाई को जारी किए गए थे। इसके बाद कार्मिक प्रशिक्षण विभाग (DOPT) की निदेशक साक्षी मित्तल ने यह आदेश जारी किए। इसके बाद अफसरों को उनके पद से हटाने और होम कैडर में भेजने का फैसला लिया गया। हालांकि, गृह मंत्रालय ने अभी तक इस एक्शन की वजह के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।