दिल्लीः भारत -पाकिस्तान विभाजन के प्रमुख सूत्रधारों में से एक ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन हो गया है | इसके साथ ही उनके मुकुट पर जड़े कोहिनूर हीरे का अब क्या होगा? इसे लेकर लंदन में माथा-पच्ची हो रही है | आखिर किस के पास जाएगा ये हीरा? कोहिनूर का मूल मालिक हिंदुस्तान है ,देश के प्रधानमंत्री मोदी इसकी वापसी की मांग कई मंचो पर दोहरा चुके है |राजदूतों ने भी कोहिनूर लौटाने का आग्रह ब्रिटेन से कई बार किया है | उधर महारानी के निधन पर शोक की लहर के बीच इस हीरे की ताजपोशी की परम्परागत तैयारी राज़ परिवार ने शुरू कर दी है | इसे नई महारानी “कैमिला” के सिर पर सजाया जाएगा | अब एक बार फिर कोहिनूर सुर्खियों में है | महारानी एलिजाबेथ के मुकुट (Crown) पर ये एतिहासिक कोहिनूर हीरा जड़ा हुआ है

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में निधन हो गया | भारत ही नहीं विश्व के कई देशो में 70 साल तक राज करने वाली क्वीन एलिजाबेथ का नाम आज भी राजनेताओ की जुबान में है | संसद के अंदर या बाहर जब भी महारानी का जिक्र छिड़ता है तो कोहिनूर हीरे की दास्तान तरो ताज़ा हो जाती है | महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ब्रिटेन में आज से राजकीय शोक मनाया जाएगा. राजकीय शोक 10 से 12 दिन तक चलेगा. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि जब तक कि महारानी का अंतिम संस्कार संपन्न नहीं हो जाता, राजकीय शोक जारी रहेगा. बकिंघम पैलेस के बाहर लोगों को भारी हुजूम उमड़ा है | एलिजाबेथ द्वितीय ने इसी साल जून महीने में शासन के 70 साल पूरे किए थे. इस मौके पर चार-दिवसीय प्लैटिनम जुबली समारोह आयोजित कर उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स और प्रिंस विलियम ने महारानी को सम्मानित किया गया था | वहीं, अब क्वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद प्रिंस चार्ल्स को राजा बना दिए गया हैं और चार्ल्स की पत्नी कैमिला के सिर महारानी का ताज़ अब सजते दिखेगा |

शोक की लहर के बीच 73 वर्षीय चार्ल्स ने अपनी माँ एलिजाबेथ के निधन पर कहा, “मेरी प्यारी मां, महामहिम महारानी का निधन, मेरे और मेरे परिवार के सभी सदस्यों के लिए सबसे बड़े दुख का क्षण है.” बता दें, चार्ल्स ब्रिटिश सिंहासन पर काबिज होने वाले सबसे उम्रदराज राजा बन गए हैं | रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज ब्रिटेन में ‘डी-डे’ घोषित किया गया है | अंतिम संस्कार तक हर दिन को डी+1, डी+2 के रूप में माना जाएगा | महारानी के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की योजना को पहले ‘ऑपरेशन लंदन ब्रिज’ कोड नाम दिया गया था. चूंकि महारानी की मृत्यु स्कॉटलैंड में हुई है, इसलिए इसे ‘ऑपरेशन यूनिकॉर्न’ के साथ जोड़ा गया है.