रायपुर : छत्तीसगढ़ में कलेक्टर गाइडलाइन दरों में भारी वृद्धि को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इसी कड़ी में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नई गाइडलाइन को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने की मांग की है। बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा, कि इस फैसले से किसानों, व्यापारियों और मध्यम वर्ग पर सीधा आर्थिक भार पड़ेगा, जिसके चलते लोगों में रोष बढ़ रहा है। उनका कहना है कि बिना जन-सुनवाई और वास्तविक जमीन मूल्य के आकलन के की गई यह बढ़ोतरी जनविरोधी है।

सांसद ने उदाहरण देते हुए कहा कि लाभांडी में 725 प्रतिशत और निमोरा में 888 प्रतिशत तक गाइडलाइन बढ़ाई गई है, जो किसी भी तरह से उचित नहीं है। साथ ही उन्होंने नवा रायपुर के ग्रामीण इलाकों को शहरी क्षेत्र में शामिल करने पर भी सवाल उठाया, जहां अब तक मूलभूत सुविधाएं भी विकसित नहीं हुई हैं।अग्रवाल ने यह दावा भी किया कि अधिक मुआवजे का तर्क भ्रमित करने वाला है, क्योंकि इससे मुश्किल से 1% किसानों को लाभ मिलेगा, जबकि 99% जनता पर भारी बोझ बढ़ेगा। उन्होंने पंजीयन शुल्क को 4% से घटाकर 0.8% करने की मांग भी रखी है।

20 नवंबर 2025 से लागू नई गाइडलाइन को रद्द करते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल करने और स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति से असली बाजार मूल्यांकन कराने की मांग करते हुए बृजमोहन अग्रवाल का यह पत्र वायरल होते ही राजनीतिक तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। फ़िलहाल, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार विपक्ष और जनप्रतिनिधियों की इस मांग पर कोई बड़ा फैसला लेगी, इसका जवाब आने वाला समय ही देगा।
