दिल्ली / भोपाल / रायपुर। BREAKING: छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बड़ा नर्सिंग घोटाला सामने आया है। इन राज्यों के 70 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज भारत सरकार की जाँच में खरे नहीं पाए गए है। अलबत्ता कई संचालकों और डॉक्टरों ने ऐसे कॉलेजों की मान्यता को लेकर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है। कई डॉक्टरों ने तो बैंकों से ऋण लेने के लिए कॉलेज स्टाफ, इंफ़्रास्टक्चर और ऐसे ही कई मामलों में धोखाधड़ी कर सुनियोजित आपराधिक षड़यंत्र भी किया है। केंद्र सरकार ने कई मामलों को सीबीआई को जांच के लिए निर्देशित किया है। सूत्रों के मुताबिक जांच में उपयुक्त नहीं पाए गए, ज्यादातर मामलों में सीबीआई को भ्रष्टाचार के कई इनपुट मिले है। कई संचालकों ने रिश्वतखोरी और सब कुछ मैनेज करने वालों के जरिये ‘मान्यता’ प्राप्त कर ली थी। अब मामला उजागार होने के बाद कॉलेज संचालकों में हड़कंप की स्थिति है।
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बताया जाता है कि भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार CBI इंस्पेक्टर राहुल राज को पूर्व में शिकायती लगभग 60 कॉलेज के जांच का जिम्मा सौंपा गया था। इनमे से कई कॉलेजों ने सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को रिश्वत देकर क्लीन चिट ली थी। नर्सिंग घोटाले की सीबीआई जांच पर भी सवाल उठने लगे है। जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद प्रदेश के करीब 300 कॉलेज की जांच हुई थी। जांच रिपोर्ट में 169 कॉलेज को सूटेबल पाया गया था। सीबीआई सब इंस्पेक्टर राहुल राज ने कई प्रिंसिपलों और संचालकों से हाथ मिलाया और भ्रष्टाचार के मामलों में बड़ी सफाई से उन्हें उपकृत भी किया था। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान कई कॉलेजों के प्रिंसिपलों ने रिश्वत की रकम राहुल राज तक पहुंचाई थी।
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यह भी बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ के लगभग आधा दर्जन नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ प्राप्त शिकायते भी गंभीर अपराधों की श्रेणी में पाई गई है। यहाँ भी कॉलेजों की मान्यता और सरकारी रियायत पाने के लिए नर्सिंग होम संचालकों ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर फर्जीवाड़ा किया था। बताते है कि भारत सरकार ने इन सभी कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया और संचालन से जुड़े मामलों की विभागीय जांच के निर्देश दिए थे। सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कई नामी गिरामी मेडिकल संस्थान और उनके संचालक डॉक्टर भी जाँच के घेरे में है।