
नई दिल्ली/ब्रासीलिया। अमेरिका द्वारा ब्राजील पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ के बाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव की स्थिति बनती नजर आ रही है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करने से साफ इनकार करते हुए कहा, “मैं ट्रंप को क्यों कॉल करूं? ट्रंप को नहीं, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कॉल करूंगा।” यह बयान वैश्विक राजनीति में एक नए समीकरण की तरफ इशारा करता है, जिसमें BRICS देशों की भूमिका और मजबूत हो सकती है।
अमेरिका ने ब्राजील पर लगाया 40% टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने BRICS देशों की नीतियों को अमेरिका विरोधी बताते हुए चेतावनी दी थी कि जो देश इन नीतियों का समर्थन करेंगे, उन पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। इस चेतावनी के बाद ब्राजील के निर्यात पर सीधा असर पड़ा, जब अमेरिका ने ब्राजील पर अचानक 40% टैरिफ लागू कर दिया।
लूला ने दिया BRICS कार्ड का संकेत
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने इस टैरिफ नीति पर विरोध जताते हुए कहा कि वह अब BRICS देशों के नेताओं से संवाद करेंगे। उन्होंने कहा,
“मैं शी जिनपिंग को फोन करूंगा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करूंगा। मैं पुतिन को फोन नहीं करूंगा, क्योंकि वह यात्रा नहीं कर सकते।”
यह साफ दर्शाता है कि ब्राजील अब अमेरिका की बजाय BRICS देशों के साथ मिलकर कूटनीतिक और आर्थिक रणनीति बनाएगा।
WTO में ले जाएंगे मामला
ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद ने भी कहा कि देश अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) सहित सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाएगा। लूला सरकार इस फैसले के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कड़ा रुख अपनाने की तैयारी में है।
ट्रंप सरकार ने जताई न्यायपालिका के फैसले पर नाराजगी
अमेरिका और ब्राजील के बीच तनाव केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। अमेरिकी विदेश विभाग ने ब्राजील की सर्वोच्च अदालत द्वारा पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को नजरबंद किए जाने के फैसले को “मानवाधिकार उल्लंघन” करार दिया है। यह टिप्पणी ब्राजील की आंतरिक राजनीति में अमेरिकी दखल का संकेत देती है, जिसे लूला सरकार ने नकारा है।
BRICS बनाम अमेरिका: नया वैश्विक समीकरण?
यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि वैश्विक राजनीति अब एक बार फिर दो ध्रुवों में बंटती दिख रही है – एक तरफ अमेरिका और उसके सहयोगी देश हैं, जबकि दूसरी ओर BRICS जैसे संगठन हैं, जो बहुपक्षीय व्यवस्था और स्वतंत्र विदेश नीति को प्राथमिकता दे रहे हैं।
निष्कर्ष:
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कॉल करने की बात कहना केवल एक बयान नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति के बदलते स्वरूप की झलक है। यह संकेत है कि भारत और ब्राजील जैसे उभरते देश अब अमेरिका के दबाव में नहीं झुकेंगे, बल्कि आपसी सहयोग से एक नई वैश्विक व्यवस्था की ओर बढ़ेंगे।