दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप घोटाले को लेकर राजनैतिक गलियारा गरमाया हुआ है। सीबीआई को कई आईपीएस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों से ऐसे सुराग हासिल हुए है, जिससे पता पड़ता है कि राज्य में किसी पेशेवर गिरोह की तर्ज पर ऑनलाइन सट्टे को पुलिस प्रोटेक्शन के तहत चलाया जा रहा था। इसमें चुनिंदा आईपीएस अधिकारियों की साझेदारी थी।

सीबीआई की छापेमारी अब निर्णायक मोड़ पर है। कुछ संदेहियों की गिरफ्तारी के आसार भी जाहिर किये जा रहे है। इस बीच सीबीआई के विशेष जज के स्थानांतरण के चलते एजेंसियों को दो-चार होना पड़ रहा है। इधर आईपीएस शेख आरिफ के बाद रायपुर के पूर्व एसएसपी प्रशांत अग्रवाल और तत्कालीन आईजी आनंद छाबड़ा से पूछताछ को लेकर सीबीआई के गलियारों में गहमा-गहमी है। यहाँ आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।



सूत्र यह भी तस्दीक कर रहे है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है, छापेमारी में बरामद साक्ष्यों और महादेव ऐप घोटाले को लेकर एजेंसियां उन से पूछताछ कर सकती है, उन्हें भी जल्द तलब किये जाने की कवयतों के बीच जानकारी सामने आ रही है कि बघेल के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है, अब अदालत के दिशा निर्देशों और अनुमति के बाद भी उन्हें विदेश जाने की पात्रता प्राप्त होगी। इसी तर्ज पर होम टाउन छोड़ने पर भी अनुमति प्राप्त करनी होगी।

अदालत में कई अन्य क़ानूनी प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई की एक टीम इन दिनों विशेष कोर्ट में भी डटी है। लेकिन न्यायधीश की अनुपस्थिति के चलते यह टीम बैरंग लौटते भी देखी गई। बताते है कि प्रदेश की विभिन्न अदालतों में हालिया ट्रांसफर के कारण कई न्यायधीश भी प्रभावित हुए है। विभिन्न अदालतों में स्थानांतरित कई न्यायधीशों ने नया पदभार अभी ग्रहण नहीं किया है। इससे उत्पन्न क़ानूनी पेचीदगियों का सामना एजेंसियों को भी करना पड़ रहा है।

मौजूदा छापेमारी के बाद कई क़ानूनी प्रक्रियाएं अटक गई है, जांच में इसका भी आंशिक असर देखा जा रहा है।हालांकि सदेहियों की गिरफ्तारी और पूछताछ को लेकर एजेंसियों की ओर से अभी कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। सूत्र यह भी तस्दीक कर रहे है कि महादेव ऐप घोटाले के बड़े मगरमच्छों को काबू में करने के लिए जरुरी क़ानूनी कार्यवाही केवल सीबीआई की विशेष कोर्ट में ही प्रक्रिया में लाई जा सकती है ?

अन्यथा एजेंसियों को क़ानूनी पेचदगियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके मद्देनजर रायपुर कोर्ट में सीबीआई के विशेष न्यायधीश की मौजूदगी सुनिश्चित होने का इंतजार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप सट्टा और शराब घोटाले के कई ऐसे राज भी एजेंसियों के हाथ लगे है, जिससे पता पड़ता है कि हवाला के जरिये मोटी रकम दुबई और अन्य खाड़ी देशों तक ठिकाने लगाई गई थी।
सूत्र यह भी तस्दीक करते है कि शेख आरिफ समेत अन्य आईपीएस अधिकारियों को सीबीआई के छापे की भनक पहले ही लग चुकी थी। ED के लगातार जारी छापों से भी वे सतर्क थे। उन्हें अपनी ब्लैक मनी छिपाने का भी भरपूर मौका मिला था। बावजूद इसके एजेंसियों ने कई ऐसी डिजिटल सामग्री जब्त करने में कामयाबी हासिल की है, जिससे घोटाले की तह तक जाने की राह तय हो गई है, घोटाले का पूरा काला चिट्ठा सीबीआई के सामने आ गया है।

अंदेशा पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की गिरफ्तारी का भी जताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक पहले हिस्से में ‘पुलिस’ अधिकारियों को समन जारी किया गया था, उनसे पूछताछ जारी है। जबकि दूसरे हिस्से में राजनैतिक पृष्ठ भूमि से जुड़े संदेही और कारोबारी शामिल किये गए है, उन्हें भी सोमवार के पूर्व समन जारी किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक महादेव सट्टा ऐप मामले में गुरुवार को ASP अभिषेक माहेश्वरी के घर रेड में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कई दस्तावेज जब्त किये गए है। एजेंसियों ने उन्हें भी तलब किया है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को देश छोड़ने से मना कर दिया गया है, उनकी निगरानी बढ़ा दी गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र चैतन्य बघेल और उनके आधा दर्जन साथियों से ED की पूछताछ जारी है। जबकि बघेल भी एजेंसियों के रडार पर है। महादेव ऐप घोटाले को सरकारी कारोबार की शक्ल देने के मामले में उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिले है। पूर्व मुख्यमंत्री पिता-पुत्र से नगद रकम के लेनदेन की तस्दीक विवेचना का खास हिस्सा बताई जा रही है।

सूत्र यह भी तस्दीक करते है कि ED ने भी विवेचना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां सीबीआई के साथ साझा की है। उधर महादेव सट्टा ऐप घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की लिप्तता सामने आने के बाद राजनैतिक गलियारा भी गरमाया हुआ है। बघेल ने अपनी सफाई देते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के बाद भी अवैध ऑनलाइन बेटिंग और सट्टा कारोबार पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। महादेव सट्टा ऐप के संचालक स्वतंत्र घूम रहे हैं, तो उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का संरक्षण प्राप्त है।
इधर बीजेपी भी पलटवार करने में पीछे नजर नहीं आ रही है। उसने बघेल पर तंज कसते हुए कहा कि ‘पाप का घड़ा फूंट चूका है’ बघेल के कई साथी अधिकारी और माफिया जेल में है, अब उनकी बारी है,घड़ियाली आंसू बहाये जा रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने दावा किया कि बघेल के घोटालों से आम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने किनारा कर लिया है, सीबीआई और ED की कार्यवाही के खिलाफ आयोजित धरना प्रदर्शनों से ऐसे कार्यकर्ताओं ने दूरियां बना ली है, सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा उपकृत समर्थक ही उनके साथ खड़े नजर आ रहे है।

नरेश चंद्र गुप्ता ने बघेल का नाम लिए बगैर कांग्रेस के रुख पर हैरानी जताते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की असल जड़ को निकाल-बाहर करने के बजाय कांग्रेस आलाकमान दूसरे राज्यों पंजाब तक उसका विस्तार कर रहा है। नरेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी कोई आश्चर्य की बात नहीं है, यह तो घोटाला उजागर होते ही तय हो गया था। पार्टी ने काफी पहले इसकी शिकायत ED,CBI और PMO में की थी। एजेंसियां काफी पहले से ही अपनी तैयारी में जुटी थी। उन्होंने उन दस्तावेजों को भी लोगों के संज्ञान में लाया, जब घोटाले की शिकायत एजेंसियों को सौंपी गई थी।
गुप्ता ने भ्रष्टाचार को नकारने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को आभार देते हुए कहा कि प्रदेश को बचाने के लिए उन्हें भी कांग्रेस के भीतर सफाई अभियान की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा और लोकसभा के बाद नगरीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस की कई इलाकों से सफाई हो चुकी है, बचा-कुचा कचरा हटाने के लिए निष्ठावान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को आगे आना चाहिए। फ़िलहाल, महादेव ऐप घोटाले के सट्टेबाजों और एजेंसियों के बीच रस्सा-कस्सी जारी है। ED की तर्ज पर CBI के दफ्तर की रौनक बढ़ गई है, यहाँ सालों से पसरा सन्नाटा अब थम गया है, कई महत्वपूर्ण घोटालों की जारी विवेचना के चलते सीबीआई मुख्यालय में लोगों का तांता लगा हुआ है।