होशंगाबाद / कोरोना वायरस से बचाने के लिए अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे डाॅक्टरों ने इसके लिए अपनी निजी जिंदगी और परिवार को भी दरकिनार कर दिया है। बाबई की बीएमओ डाॅक्टर शोभना चौकसे शादी के 22 साल बाद सरोगेसी से मां बनी थीं, लेकिन वे इतने दिन बाद मिले मातृत्व सुख और बच्चों की परवरिश को छोड़कर लगातार ड्यूटी पर तैनात हैं। प्रसूति विशेषज्ञ डाॅ. शोभना चौकसे ने 26 मार्च को जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन चूंकि बीएमओ की जिम्मेदारी उनके पास है, इसलिए दिनभर ड्यूटी कर रही हैं। डाॅ. चौकसे ने बताया कि कोरोना ड्यूटी के कारण उन्होंने बच्चों की परवरिश के लिए अपने भैया और भाभी को पास बुला लिया है। दोनों बच्चों के नाम उन्होंने अंश और वंश रखे हैं।
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पत्नी और बच्चों को भेजा मायके, लगातार कर रहे ड्यूटी- अस्पताल में कोरोना के नोडल अधिकारी बनाए गए डाॅ. सुनील जैन ने बताया कि 16 मार्च से रेगुलर ड्यूटी कर रहे हैं। पत्नी और बच्चों को 21 मार्च को ही नानी के यहां भेज दिया है। अब स्वयं ही भोजन बनाना सहित अन्य काम करते हैं।