रायपुर: छत्तीसगढ़ में हवाला कारोबार ने अपनी जड़े जमा ली है। यहाँ से ब्लैक मनी को देश-विदेश में भेजने के लिए कारगर व्यवस्था से बाजार सरगर्म है। रोजाना करोड़ों की रकम कभी बैंकों के जरिये तो कभी सड़क मार्ग से ठिकाने लगाई जा रही है। बाजार में हवाला कारोबार इतना सुविधाजनक और कारगर बन गया है कि पडोसी राज्यों तक से ब्लैक मनी का जखीरा अपने गंतव्यों तक पहुंच रहा है। प्रदेश की राजधानी रायपुर समेत प्रमुख औद्योगिक शहर रायगढ़ और जगदलपुर ब्लैक मनी ठिकाने लगाने के नए सेंटर बन गए है। रायपुर से महाराष्ट्र तो रायगढ़ और जगदलपुर से ओडिशा होते हुए हवाला की बड़ी रकम आये दिन इधर से उधर हो रही है।

ताज्जुब की बात यह भी है कि हवाला कारोबार के लिए रोड ट्रांसपोर्ट के अलावा डिजिटल नेटवर्क भी इस्तेमाल किया जा रहा है, वो भी कई निजी बैंकों और बैंकिंग से जुड़ी सहकारी संस्थाओं के जरिये। ऐसे बैंकों में ‘किराये’ के खातों का इस्तेमाल जोरो पर बताया जाता है। आम नागरिक एक ओर जहाँ मात्र 50 हज़ार की रकम एक मुश्त इधर से उधर करने में सोच में पड़ जाते है, वही हवाला कारोबारियों का करोड़ों का लेनदेन ‘चुटकी’ में हो रहा है। महादेव ऐप सट्टा कारोबार की रकम ठिकाने लगाने के लिए ऐसे ही बैंक खातों का सुनियोजित इस्तेमाल सामने आया है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आई तेजी प्रदेश में ब्लैक मनी के चलन की ओर इशारा कर रही है।

ताजा मामले में सरेराह एक कार से 4 करोड़ 52 लाख की कमीशन की जब्ती से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हवाले की रकम में कितने करोड़ के शून्य जुड़े होंगे ? हालांकि मूल्य रकम ठिकाने लगाई जा चुकी है। जांच एजेंसियां अब उसकी पड़ताल में जुटी है। पुलिस ने मामला आयकर के हवाले कर दिया है। यह जांच का विषय है कि आखिर कैसे यह प्रदेश हवाला कारोबारियों के लिए सुरक्षित शरणस्थली साबित हो रहा है। इतनी मोटी रकम जमा होने के स्रोतों को लेकर भी एजेंसियां माथापच्ची कर रही है।

जानकारी के मुताबिक रायपुर के आमानाका इलाके में एक कार से हवाला की रकम के कमीशन भुगतान की 4 करोड़ 52 लाख की रकम की बरामदगी से बाजार में गहमा-गहमी देखी जा रही है। कारोबारियों में हवाला फूटने को लेकर गहमा-गहमी है। बताते है कि कारोबारी सतर्क हो गए है। हालांकि सरेराह करोड़ों की जब्ती का यह कोई नया मामला नहीं है। इसके पूर्व भी पुलिस ने ऐसे कारोबारियों कों धर दबोच कर आयकर के हवाले किया था। एक बार फिर बड़ी जब्ती से प्रदेश में जड़ जमा चुके हवाला कारोबार पर चढ़ी ब्लैक मनी की चादर का खुलासा हुआ है। सूत्र तस्दीक करते है कि डेढ़ माह पहले हवाला के माध्यम से महाराष्ट्र भेजी गई मोटी रकम का भुगतान अब जा कर भेजा जा रहा था। लेकिन मुख़बिरी के बाद रकम पकड़ ली गई।

आमतौर पर ऐसे मामलों में नगद भुगतान का चलन देखा जाता है। लेकिन पहली बार कमीशन की रकम के ‘पोस्टपेड’ का मामला सामने आया है। बताते है कि हवाला कारोबारी मूल रकम का एक फीसदी हिस्सा बतौर कमीशन हासिल करते है। इसके लिए आढ़तिया (हवाला एजेंट) और रकम भेजने वाले के बीच फौरी लेनदेन किया जाता है। यह रकम ठिकाने में पहुंचने पर यह तो उसी रकम से एक प्रतिशत कमीशन काट कर शेष रकम तयशुदा व्यक्ति के हाथों में सौंप दी जाती है। बताया जाता है कि हवाला की रकम इधर से उधर करने के लिए वाहनो में पृथक से चेंबर बनाये जाते है। किसी को यकीन ही नहीं होता कि ऐसे वाहनों में रोजाना करोड़ों का कारोबार संचालित होता है।

हालिया जब्ती में इनोवा कार में चेंबर पाया गया है। रायपुर में मुखबिरी के बाद एक इनोवा से पुलिस ने साढ़े चार करोड़ कैश जब्त किया है। स्थानीय थाने की पुलिस द्वारा पहले दिन 1.67 करोड़ रुपए की जब्ती का दावा किया गया था। लेकिन मुखबिरी करने वाले शख्स ने मीडिया में रकम के दोगुने से ज्यादा होने का दावा कर आला अधिकारियों को सोचने पर विवश कर दिया था। बताते है कि आला अफसरों के निर्देश के बाद दूसरे दिन इनोवा की तलाशी लेने पर 2.85 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्राप्त हुए। बताते है कि यह रकम चेंबर में छिपाकर रखी गई थी। मामले को अग्रिम जांच के लिए आयकर विभाग को सौंप दिया गया है। फ़िलहाल, पुलिस ब्लैक मनी के ठिकानों पर दबिश देने की तैयारी में है। वही इतनी मोटी रकम के हवाला संपर्क सूत्रों को लेकर बाजार में गहमा-गहमी है।