हैदराबाद: तेलंगाना में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. भाजपा अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. इसी कड़ी में भाजपा की तेलंगाना इकाई आज शाम हैदराबाद के बाहरी इलाके तुक्कुगुड़ा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बड़े पैमाने पर ताकत दिखाने के लिए तैयार है. तेलंगाना के बीजेपी अध्यक्ष बंदी संजय कुमार की दूसरे चरण की ‘पदयात्रा’ के अंतिम दिन पार्टी ने जनसभा का आयोजन किया है, जिसमें गृह मंत्री शाह भी शामिल होंगे. भाजपा सूत्रों ने बताया कि रैली से पहले अमित शाह रामनाथपुर में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भी जाएंगे.
बंदी संजय कुमार ने 14 अप्रैल को मंदिर शहर आलमपुर से ‘प्रजा संग्राम यात्रा’ नाम से अपनी पदयात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की थी, जो 14 मई की शाम महेश्वरम के पास तुक्कुगुड़ा में समाप्त होगी. भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एन रामचंद्र राव ने कहा कि इस जनसभा में हाल में तेलंगाना में भाजपा द्वारा आयोजित किसी भी जनसभा की तुलना में बहुत अधिक भीड़ होने की उम्मीद है.
तेलंगाना चुनाव पर भाजपा का फोकस
एन रामचंद्र राव ने कहा, ‘ताकत का यह प्रदर्शन दिखाएगा कि भाजपा राज्य में चुनाव के लिए तैयार है. अमित शाह के दौरे को लेकर भाजपा नेता और कार्यकर्ता उत्साहित और उत्सुक हैं. मुझे लगता है कि अमित शाह तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के उन सभी मंत्रियों और नेताओं को करारा जवाब देंगे जो केंद्र पर राज्य के साथ भेदभाव का आरोप लगाते रहे हैं. टीआरएस इस बारे में बात नहीं कर रही है कि केंद्र ने तेलंगाना के लिए अब तक क्या मंजूरी दी है, बल्कि केवल यह बता रही है कि उसे क्या नहीं मिला है.’
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को गृह मंत्री के कार्यक्रम से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने भरोसा जताया कि भाजपा राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को जीतकर सरकार बनाएगी. अमित शाह की जनसभा के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल, भाजपा तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ टीआरएस के विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है. पार्टी 2020 और 2021 के दौरान डबक और हुजुराबाद विधानसभा सीटों के उपचुनाव और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में अपनी जीत से उत्साहित है.
भाजपा का 70 सीटों पर है विशेष ध्यान
तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस, भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला माना जा रहा है. टीआरएस और भाजपा के बीच पिछले कई महीनों से जुबानी जंग चल रही है. टीआरएस भाजपा और केंद्र सरकार पर ध्रुवीकरण की राजनीति और विभिन्न मोर्चों पर विफलताओं को लेकर हमला करती रही है. इस बीच कांग्रेस भी पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी हाल ही में वारंगल में किसानों के मुद्दे को लेकर एक जनसभा भी की थी. भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी 119 विधानसभा सीटों में से कम से कम 70 को टारगेट कर रही है. विशेष रूप से 31 आरक्षित सीटों (19 एससी और 12 एसटी) और 24 शहरी निर्वाचन क्षेत्रों को. यह भाजपा की ऐसी रणनीति है, जिसने अन्य राज्यों में उसे सफलता दिलाई है.