नई दिल्ली / देश में इन दिनों प्रदर्शनों की आढ़ में हिंसक गतिविधियां जोरो पर है | इसमें कई राजनैतिक दल भी कूद पड़े है | इसके चलते नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की असलियत ही गुम हो गई है | इस कानून को लेकर 13 राज्यों में प्रदर्शन के साथ कुछ स्थानों पर हिंसक घटनाएं भी हुई है | जिस तेजी से हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है , उसे लेकर भाजपा ने भी सड़क पर उतरने का फैसला किया है |बीजेपी ने कहा है कि नए नागरिकता कानून में बदलाव पर फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए 10 दिन में 3 करोड़ परिवारों से घर घर आकर संपर्क साधा जाएगा | इस दौरान कुल 1 हजार रैलियां होंगी, इनमे वो शरणार्थी भी शमिल होंगे , जिन्हे नागरिकता कानून का लाभ मिला है | रैलियों की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान से की | इस रैली में देशभर से रंगकर्मी और कलाकार भी पहुंचे थे | नागरिकता कानून को लेकर कई राज्यों में आंदोलन हिंसक हो गया है |
उत्तर प्रदेश में शनिवार को कानपूर में एक पुलिस चौकी को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था | यहां रामपुर के ईदगाह में 400-500 लोगो की भीड़ बेकाबू हो गई थी | भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया और जमकर पथराव किया था | जवाबी करवाई में इस हिंसक प्रदर्शन में शामिल एक शख्स की मौत हो गई थी | अकेले उत्तर प्रदेश में बीते तीन दिनों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में कुल 16 लोग मारे जा चुके है | जबकि देश के विभिन्न राज्यों में 9 दिन में हिंसक प्रदर्शनो में 21 लोगों की जान जा चुकी है | उधर, बिहार में राजद के बंद के कारण रेल- सड़क यातायात प्रभावित रहा | कई इलाकों में आगजनी भी हुई | बताया जाता है कि नए नागरिकता कानून को लेकर लोगों के बीच खासतौर पर एक धर्म समुदाय के लोगों को प्रदर्शन के लिए भड़काया जा रहा है | इसके मद्देनजर बीजेपी को भी मैदान में उतरने की जरूरत पड़ गई है |