कोलकाता / पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है | चुनाव प्रचार के जोर पकड़ते ही दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे पर हमला तेज कर दिया है | बीजेपी पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ के बाद उनकी सरकार ने प्रभावितों की हरसंभव मदद की और हो सकता है कि ‘‘एक या दो’’ लाभार्थी छूट गये हों, लेकिन भाजपा के नेताओं को संकट के उस समय में कहीं नहीं देखा गया।
पश्चिम मेदिनीपुर में एक रैली को यहां संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने दावा किया कि भाजपा नेता चुनाव से ठीक पहले ‘‘मतदाताओं को लुभाने और वोट हासिल करने के लिए बाहर से नकदी के साथ हेलीकॉप्टर और विमानों से यहां पहुंचते है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस सरकार ने चक्रवात प्रभावितों के लिए हजारों करोड़ रुपये की मदद की। एक या दो अपवाद हो सकते हैं…लेकिन हम लोगों की मदद करने के लिए पहुंचे हैं। तब भाजपा के नेता कहां थे? मानवीय संकट के समय वह हमेशा गायब रहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी परिवार के एक भी सदस्य, देश के किसी भी नागरिक को बंगाल से निकाला नहीं जा सकता है।’’ भाजपा को ‘‘दंगाइयों की पार्टी’’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंसा नहीं चाहते हैं, हम खून-खराबा नहीं चाहते हैं और हम बंगाल में प्रतिशोध की राजनीति नहीं चाहते हैं।’’
पीएम मोदी के एक बयान का हवाला देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू नहीं होने देगी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘गणना करने वालों की यात्रा के दौरान घर पर नहीं पाये जाने पर भाजपा मतदाताओं के नामों को हटा देगी। वे आपको (लोगों) निकाल देंगे। लेकिन हम उन्हें यहां रजिस्टर का अद्यतन करने की अनुमति नहीं देंगे।’’
दरअसल पुरुलियाँ में आज ही एक पब्लिक मीटिंग में पीएम मोदी ने ममता दीदी और टीएमसी पर करारा तंज कसा था | टीएमसी का मतलब बताते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई पार्टी नहीं बल्कि ट्रांसफर माई कमिशन वाली सरकार है | माना जा रहा है कि दीदी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए यह तंज कसा है |