न्यूज डेस्क / महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के
वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश
जनता ने दिया है और हम उसे स्वीकार करते हैं | उन्होंने गठबंधन कर किसी अन्य दल के
साथ सरकार बनाने पर कहा कि अब पार्टी हाई कमान को इस बारे में कोई फैसला लेना है | शिवसेना के साथ जाने को लेकर आ रही खबरों में खड़गे ने कहा कि इसमें कुछ तथ्य नहीं
है क्योंकि हमें और एनसीपी को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है | महाराष्ट्र में
शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को चुनाव में बहुमत हासिल हुआ है लेकिन नतीजे आते ही दोनों
दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर दो फाड़ हो गई है जिसके चलते अभी तक वहां
सरकार गठन नहीं हो सका है |
वहीँ सरकार बनाने को लेकर आए राज्यपाल के न्योते पर बीजेपी की कोर कमेटी कोई फैसला नहीं ले सकी है | ऐसा बताया जा रहा है कि पार्टी ने अब फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ा है | खबर है कि राज्य में सरकार बनाने को लेकर प्रदेश बीजेपी क़ोर कमेटी को बीजेपी आलाकमान के इशारे का इंतजार है | खबरों की मानें तो महाराष्ट्र के सियासी घमासन पर दिल्ली बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की भी पैनी नजर है | महाराष्ट्र बीजेपी के नेता केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क में है |
राज्य में चल रही इसी सियासी सरगर्मी के बीच रविवार को मुंबई में ऐसे पोस्टर नजर आए जिनमें उद्धव को महाराष्ट्र का सीएम बनाने की मांग की गई है। दूसरी ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी पार्टी विधायकों की मंगलवार को बैठक बुलाई है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि यदि भाजपा और शिवसेना सरकार बना लेते हैं तो हम विपक्ष में बैठेंगे। हम मंगलवार को अपने विधायकों के साथ राज्य के सियासी हालात पर चर्चा करेंगे।
वहीं खरीद-फरोख्त की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने अपने 34 विधायकों को राजस्थान भेज दिया है। पिछले दिनों कांग्रेस ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में विधायकों को दलबदल के लिए 25 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक की पेशकश की जा रही है। दूसरी ओर शिवसेना भी अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर आशंकित है।