शिलांग: सत्ता के लिए जानी दुश्मन की तरह लड़ने वालीं भाजपा और कांग्रेस मेघालय में एक ही गठबंधन में हैं. सुनने में भले ही ये अजीब लगे, लेकिन यही हकीकत है. दरअसल, राज्य में के सभी पांच विधायक मंगलवार को बीजेपी समर्थित सत्तारूढ़ मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो गए. इस तरह से दोनों पार्टियां एक ही गठबंधन का हिस्सा बन गई हैं. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा सहित 12 विधायक कांग्रेस छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इसके बाद मेघालय विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या पांच रह गई थी, जबकि शुरुआत में विपक्षी पार्टी के सदन में 17 सदस्य थे.
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गौरतलब है कि समर्थन पत्र में कहा गया है, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायकों ने एमडीए सरकार में आठ फरवरी 2022 को शामिल होने का फैसला किया है. हम सरकार के हाथ और फैसलों को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री और एमडीए का समर्थन करने की इच्छा व्यक्त करते हैं ताकि सुनिश्चित हो सके कि हमारे संयुक्त प्रयास से नागरिकों के हित में राज्य आगे बढ़े’.इस पत्र पर कांग्रेस विधायक दल के नेता अमपरीन लिंगदोह, विधायक पीटी सॉक्मी, मायरलबोर्न सिएम, केएस मारबानियांग और मोहेंद्रो रापसांग ने हस्ताक्षर किए हैं. पत्र की एक प्रति कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी भेजी गई है.
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मेघालय राज्य विधान सभा में अब केवल ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ही विपक्ष में रह गई है. कांग्रेस विधायकों के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बाद विधानसभा में विपक्षी पार्टी के रूप में केवल तृणमूल कांग्रेस बच गई है. तृणमूल पार्टी ने ट्वीट करके कहा कि भ्रष्ट और सत्ता के भूखे लोगों ने आधिकारिक रूप से हाथ मिला लिया है. समर्थन के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता अमपरीन लिंगदोह ने कहा कि हम भले ही एमडीए में शामिल हो गए लेकिन कांग्रेस का हिस्सा बने रहेंगे.