बिलासपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों की मौज-मस्ती पर ब्रेक, कलेक्टर ने निरस्त किये सभी आदेश, अब जनता के बीच जाना होगा- करना होगा सरकारी कार्य……

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बिलासपुर: बिलासपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सरकारी बोझ बन जाने से केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है। राजनैतिक दांवपेचों और जोड़-तोड़ से कई अफसर और कर्मचारी आरामदायक इलाकों में तैनात हो गए है। उनका अपने मूल कार्यों से कोई सरोकार नहीं रहा है। लेकिन अब कलेक्टर ने उनकी मनमर्जी पर रोक लगा दी है। इसके चलते सभी संविदा कर्मियों को उनके मूल पदस्थापना स्थल पर तत्काल लौटने के आदेश जारी किये गए है।

आदेश में साफ कर दिया गया है कि NHM मिशन के अंतर्गत सभी कर्मियों को उनके मूल पदस्थापना स्थल पर ही कार्य कराया जाये। बताते है कि आदेश जारी होने के बाद NHM में सिर्फ बिलासपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हलचल तेज हो गई है। दरअसल, जो हाल बिलासपुर का बताया जाता है, ठीक इसी तर्ज पर प्रदेश के कई जिलों में संविदा कर्मियों की पदस्थापना कर दी गई है, ऐसे कर्मी मनचाही जगह अपनी नियुक्ति करवाने के बाद शासकीय कार्य छोड़ मौज-मस्ती में जुटे है। 

बताया जाता है कि बारिश के मौसम में कई इलाके मौसमी बीमारियों की चपेट में है। यही नहीं बाढ़ और राहत के कार्यों में भी संविदा कर्मियों की मौजूदगी लगभग नगण्य पाई जा रही है। डॉक्टरों से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ भी जरुरत-आवश्यक जगह छोड़ अन्यत्र अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है। इससे आम नागरिकों को काफी कठिनाईओं का सामना करना पड़  रहा है।

लोगों की समस्याओं से वाकिफ होने के बाद कलेक्टर ने CMHO से NHM कर्मियों की नियुक्ति और कार्यों के बारे में जाना तो वे हैरत में पड़ गए। कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया कि कर्मियों की एक बड़ी फौज मूल विभाग छोड़कर अन्यत्र सेवा में जुटी है। बताते है कि कर्मियों की कार्यप्रणाली और तैनाती को कलेक्टर ने फ़ौरन आदेश जारी कर सभी कर्मियों की वापिसी उनके मूल पदस्थापना स्थल पर सुनिश्चित कर दी है।