बाइक बोट घोटाला: ईडी ने आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर की छापेमार कार्रवाई, आरोपी गिरफ्तार, छापेमारी के दौरान दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और 9.5 लाख रुपये की नकदी बरामद

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नई दिल्ली / ईडी ने दिल्ली एनसीआर में कई जगह छापा मारा। यह अभियान बाइक बोट घोटाले और आम्रपाली समूह से जुड़े मनी लान्ड्रिंग के दो अलग-अलग मामलों की जांच के सिलसिले में चलाया गया था। बाइक बोट घोटाले के सिलसिले में नोएडा से एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने न्यूज़ टुडे को बताया कि टीम ने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ में छह स्थानों पर छापा मारा था। ईडी ने आम्रपाली समूह से जुड़ी जांच के सिलसिले में दक्षिणी दिल्ली स्थित एक कंपनी और गाजियाबाद स्थित एक फर्म में छापा मारा, जबकि बाइक बोट घोटाले में चार जगह छापा मारा गया।

ईडी की लखनऊ जोन की टीम ने दिल्ली एनसीआर में छापे मारने के दौरान नोएडा से मनोज त्यागी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी अरबों रुपये के बाइक बोट घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि छापों के दौरान बाइक बोट घोटाले से जुड़े बहुत सारे दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और 9.5 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई। ईडी अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान गिरफ्तार किए गए त्यागी की भूमिका बाइक बोट की प्रमोटर कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के सिलसिले में संदेह के दायरे में है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

ईडी के मुताबिक, एफ7 ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक त्यागी इस घोटाले के मुख्य आरोपी विजेंद्र सिंह हुड्डा के सबसे करीबियों में से एक था। उसके करोड़ों रुपये ठिकाने लगाने में मदद कर चुका था। मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार त्यागी को आज लखनऊ में विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।

त्यागी ने मामले से जुड़े तथ्य व सबूत छिपाकर एजेंसी को गुमराह किया है। त्यागी की कंपनी एफ7 ब्रॉडकास्ट में बाइक बोट से जुड़ी विभिन्न कंपनियों ने करीब 13.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा इस कंपनी में विभिन्न शैक्षिक संस्थानों और ट्रस्ट से भी करीब 2.63 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। ईडी ने दावा किया कि यह पैसा भी बाइक बोट निवेशकों से एकत्र फंड से ही ट्रांसफर किया गया था। बाइक बोट घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी ने भी पूछताछ के दौरान त्यागी का नाम लिया था। संजय ने बताया कि उसकी तरफ से वित्तीय लेनदेन के लिए हस्ताक्षरित सभी चेक त्यागी ने ही लिए थे।

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ईडी ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि त्यागी लगातार हुड्डा के संपर्क में था और उसके निर्देशों पर कामकाज कर रहा था, लेकिन उसने ईडी के सामने पूछताछ के दौरान यह बात छिपाई थी। ईडी के मुताबिक, रविवार को इसी घोटाले में साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर व निदेशक अनिल कुमार साहा के ठिकाने पर भी छापा मारा गया।