
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन ने अपना चुनावी घोषणा-पत्र का पहला भाग बुधवार को जारी किया। इसे ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ नाम दिया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पटना में इस घोषणा-पत्र का ऐलान किया। इसमें अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए 10 बड़े वादे शामिल हैं।
महागठबंधन के 10 बड़े वादे
- अति पिछड़ा अत्याचार निवारण कानून बनेगा, जैसे एससी-एसटी के लिए है।
- पंचायत और नगर निकायों में EBC आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30% किया जाएगा।
- आबादी के अनुपात में आरक्षण सीमा 50% से ऊपर ले जाकर 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग होगी।
- नियुक्ति प्रक्रिया में ‘नो फाउंड स्यूटेबल’ (NFS) को अवैध घोषित किया जाएगा।
- भूमिहीनों को शहरी क्षेत्र में 3 डिसिमल और ग्रामीण क्षेत्र में 5 डिसिमल जमीन दी जाएगी।
- निजी स्कूलों की आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा EBC, OBC, SC और ST बच्चों को मिलेगा।
- 25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों व टेंडरों में 50% आरक्षण लागू होगा।
- राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू होगा।
- आरक्षण की निगरानी के लिए उच्चाधिकार प्राप्त नियामक प्राधिकरण बनेगा।
- जातियों की सूची में बदलाव सिर्फ विधानमंडल से होगा।
राहुल-तेजस्वी का हमला
राहुल गांधी ने कहा कि देश में अति पिछड़ा, दलित, आदिवासी और ओबीसी को पर्याप्त भागीदारी नहीं मिलती। उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि 20 साल सत्ता में रहने के बावजूद ये कदम क्यों नहीं उठाए गए।
तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की पिछली 17 महीने की सरकार ने आरक्षण सीमा 70% तक बढ़ाई थी और इसे 9वीं अनुसूची में भेजा भी गया था, लेकिन केंद्र ने स्वीकार नहीं किया। उन्होंने बीजेपी पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया।
कार्यक्रम में जुटे दिग्गज नेता
यह कार्यक्रम पटना के एक होटल में आयोजित हुआ, जिसमें अति पिछड़ा वर्ग के 100 से अधिक नेता मौजूद रहे। मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और कई अन्य बड़े नेता भी उपस्थित रहे।