Bihar Assembly Election 2025: SIR विवाद में चुनाव आयोग का पलटवार
बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर दिल्ली में हो रहे विपक्ष के विरोध के बीच, चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों पर दिखावे का आरोप लगाया है। आयोग का कहना है कि कांग्रेस, राजद और CPI(M) के पदाधिकारी जमीनी स्तर पर इस प्रक्रिया में पूरा सहयोग दे रहे हैं, जबकि राजधानी में विरोध केवल औपचारिकता है।
विपक्षी नेताओं के वीडियो जारी
चुनाव आयोग ने भागलपुर, गोपालगंज और पूर्णिया जिलों के विपक्षी नेताओं के वीडियो जारी किए हैं। इन वीडियो में वे स्वीकार करते हैं कि उन्हें
- ड्राफ्ट मतदाता सूची
- हटाए गए नामों की सूची
मिल चुकी है। साथ ही, उन्हें एक महीने का समय दिया गया है ताकि गलत तरीके से हटाए गए नामों को वापस जोड़ा जा सके।
आयोग ने सवाल किया — जब स्थानीय स्तर पर सहयोग हो रहा है, तो दिल्ली में विरोध का नाटक क्यों?
राहुल गांधी को लेकर सख्त रुख
आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाया।
- उन्हें शपथपत्र के साथ सबूत पेश करने या सार्वजनिक माफी मांगने का अवसर दिया गया है।
- कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों ने उन्हें नोटिस और रिमाइंडर भेजे हैं।
- आयोग का कहना है कि बिना प्रमाण के गंभीर आरोप लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करते हैं।
विपक्ष पर सवाल
चुनाव आयोग ने दावा किया कि अब तक किसी भी पार्टी ने मतदाता सूची से जुड़ी कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
जारी वीडियो में विपक्षी नेता स्वयं मान रहे हैं कि उन्हें सभी आवश्यक सूचियां और सुधार का समय मिल चुका है।
SIR का उद्देश्य सिर्फ मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है।
