बड़ी खबर : छत्तीसगढ़ कैडर के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की खरीददारी – बेगारी देखकर हैरत में अफसर, शॉपिंग मॉल से बिलों का ब्यौरा और सीसीटीवी फुटेज लेकर अफसरों के दिल्ली लौटने की खबर, आईजी स्तर के इस अफसर की कार्यप्रणाली चर्चा में, किसी बड़ी जाँच का अंदेशा, केंद्रीय ख़ुफ़िया तंत्र भी सतर्क

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रायपुर / बड़ी खबर आ रही है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ कैडर के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बेगारी – खरीददारी का ब्यौरा दिल्ली से रायपुर पहुंचे अफसरों ने बड़ी शिद्दत के साथ खंगाला है। सूत्रों के मुताबिक शहर के तीन अलग – अलग बड़े मॉल में दिल्ली से पहुंचे इन अफसरों ने खरीददारी का पूरा ब्यौरा इकट्ठा किया। दुकानदारों के मुताबिक पिछले 2 साल के बिलों की पड़ताल वित्तीय वर्ष 2018 -19 और 2019 -20 के बाद इन अफसरों ने कुछ बिलों को अपने कब्जे में लेकर उनसे पूछताछ की है। इन बिलों की अदायगी रायपुर में पदस्थ एक डीएसपी स्तर के अफसर द्वारा किया जाना बताया जा रहा है।

बताया गया कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शॉपिंग के शौंकीन है। व्रांडेट सामानों के अलावा बेशकीमती पेंटिंग, 24 कैरेट सोने से निर्मित शो – पीस और तस्वीरों की अक्सर वे खरीदी किया करते थे। लेकिन खरीददारी के उपरांत लाखों के बिलों का नगद भुगतान उनके बजाये किसी अन्य अफसर द्वारा किया जाता था। दुकानदारों द्वारा बिलों की अदायगी करने वाले शख्स की शिनाख्ती करते हुए जाँच अधिकारियों को बताया गया कि नगद भुगतान करने वाले डीएसपी साहब वर्तमान में इसी आईपीएस अधिकारी के अधीनस्थ पदस्थ है।   

दुकानदारों के मुताबिक कई बार खरीदी के लिए उन्होंने सह – पत्निक शॉपिंग भी की थी। लेकिन बिलों का भुगतान हमेशा किसी अन्य अफसर द्वारा किया जाता था। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि अफसर आयकर – सीबीडीटी मुख्यालय के निर्देश पर यहाँ पहुंचे थे। हालाँकि उनकी जाँच और पहचान को लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन जिस आईपीएस अधिकारी की शॉपिंग को लेकर उन्होंने पड़ताल की और दुकानदारों के बयान भी दर्ज किये, उस अफसर का जिक्र बयानों में है।

बताया गया कि शॉपिंग के शौंकीन इस अफसर की पदस्थापना वर्तमान में रायपुर में ही एक महत्वपूर्ण ओहदे पर होने से दुकानदार इस बारे में ज्यादा कुछ कहने से बचते रहे। सिर्फ इतना ही पता पड़ पाया कि पिछले 2 सालों में साहब की बेगारी का काला चिट्ठा इन दुकानों से इकट्ठा किया गया है। उधर सूत्रों द्वारा बताया गया कि अखिल भारतीय सेवा के कुछ चुनिंदा अफसरों पर केंद्रीय ख़ुफ़िया एजेंसियों के अलावा ईडी, सीबीडीटी – आयकर की पैनी निगाह है।  

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