दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का गंभीरता पूर्वक पालन कर रहा है। हाल ही में PM मोदी ने भ्रष्टाचार को देश की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए इस पर लगाम लगाने का संकल्प लिया था। उन्होंने समय – समय पर भ्रष्टाचार उजागर करने और आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही को लेकर केंद्रीय जाँच एजेंसियों की सराहना भी की थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन भी IT – ED की तारीफ कर चूके है। देश में अखिल भारतीय सेवाओं के छत्तीसगढ़ में तैनात IAS और IPS अफसरों के भ्रष्टाचार के मामलों से केंद्र सरकार भी हैरत में है।
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छत्तीसगढ़ कैडर के कई अफसरों के कारोबारी बन जाने से अखिल भारतीय सेवाओं की गुणवत्ता पर बट्टा लगने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। IAS समीर विश्नोई जेल की हवा खा रहे है जबकि आधा दर्जन IAS और आईपीएस अफसर केंद्रीय एजेंसियों की राडार पर है। सूत्रों के मुताबिक IT – ED की एक रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की कार्यप्रणाली और अपराधों की CBI से जांच कराने पर विचार कर रही है।
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बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों द्वारा सविंधान की शपथ लेकर राज्य में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कई IAS और IPS अफसर अपना काम – काज छोड़ कारोबारी बन गए है।
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कई ने तो अवैध आय कमाने के लिए सत्ताधारी दल और नेताओं से भी सांठ – गांठ कर ली है। वो उनके साथ प्रोटेक्शन मनी की वसूली, मनी लॉन्ड्रिंग, कोल कारोबार में हिस्सेदारी और सरकारी मशीनरी जाम कर रोजाना करोड़ो की कमाई के आर्थिक अपराधों को अंजाम दे रहे है। इन अफसरों ने अपने अधिनस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भी अवैध कारोबार में शामिल कर लिया है।
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छत्तीसगढ़ में IT – ED लगातार छापेमारी कर रही है। इसमें करोडो की ब्लैकमनी, मनीलॉन्ड्रिंग और बेनामी जमीन – जायजाद में अरबो के निवेश के सबूत जाँच एजेंसियों के हाथ लगे है। ऐसी भी घटना सामने आई है जब छापेमारी के दौरान IT – ED के अफसर संदेहियों के ठिकाने पर पहुंचे तो IAS और IPS कैडर के कुछ अफसर ना केवल उनकी राह के रोड़ा बने बल्कि कई अहम् सबूत नष्ट करने में उनकी भूमिका साफ़ – साफ़ नजर आई। यही नहीं केंद्रीय एजेंसियों पर ख़ुफ़िया नजर और उनके फ़ोन टेपिंग जैसे मामले भी चर्चा में रहे।
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केंद्रीय जाँच एजेंसियों को पुलिस व्यवस्था मुहैया कराने का मामला भी विवादों से घिरा बताया जा रहा है। यही नहीं छापेमारी की सूचना लीक करने और केंद्रीय अफसरों के समक्ष दिक़्क़त पैदा करने के मामलो में अखिल भारतीय सेवाओं के कई अफसर सुर्खियों में बताये जाते है।
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जानकारी के मुताबिक ED और IT डिपार्टमेंट ने अपने -अपने विभाग को छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की भूमिकाओं को लेकर एक ”नोट” भेजा है। इस ” नोट ” में छापेमारी में बरामद साक्ष्यों और अफसरो की भूमिका का उल्लेख किया गया है। सूत्र बताते है कि छत्तीसगढ़ के मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में आज एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है।
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इस बैठक में राज्य में ऑल इंडिया सर्विस कैडर के कुछ संदिग्ध अफसरों की कार्यप्रणाली चर्चा में रही। सूत्र बताते है कि बैठक में इन मामले को CBI को सौंपे जाने पर सैद्धांतिक फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव अंतिम फैसले के लिए भेजा गया है। सूत्र बताते है कि IT – ED के प्रस्ताव पर मुहर लगी तो छत्तीसगढ़ कैडर के कई अफसरों पर CBI का शिकंजा कस सकता है।