बड़ी खबर : कोरोना वायरस मरीज के शरीर में कैमिकल का संतुलन बिगाड़ रहा, अम्ल-क्षार का स्तर असंतुलित होने से कई नई बीमारियां होने का बढ़ा खतरा, कोरोना को मात देने वाले मरीज अब सेहत को लेकर हो जाये सतर्क, इस रिसर्च को पढ़ना जरुरी

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दिल्ली / भारत के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के दूरगामी प्रभावों को जानने के लिए एक रिसर्च की है | इसमें कोरोना संक्रमण का बारीकी से अध्ययन किया गया है | इसकी रिपोर्ट भी जल्द ही सामने आने वाली है | हालाँकि अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक कोरोना वायरस मरीज के शरीर में अम्ल व क्षार के बीच संतुलन बिगाड़ रहा है। इसके चलते मरीजों में डिहाइड्रेशन और कैमिकल इम्बैलेंस से सांसों के अचानक से बढ़ने, धड़कन तेज होने जैसी दिक्कतें सामने आ रही है |

रिसर्च में पाया गया कि कोरोना से स्वस्थ हुए साढ़े आठ फीसदी मरीजों का एक्स-रे समान्य नहीं पाया गया | देश के वैज्ञानिकों ने कोरोना प्रभावित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जानकारी मिलने के बाद कोरोना वायरस के नए लक्षणों और शरीर में उसके प्रभाव पर भी रिसर्च शुरू की है | वैज्ञानिकों को करीब साढ़े आठ फीसदी मरीज ऐसे भी मिले हैं | जो स्वस्थ हो तो गए हैं, लेकिन डॉक्टरों को उनका एक्स-रे सामान्य नहीं मिला है। नतीजतन वैज्ञानिक इसका कारण ढूंढने में जुटे है |

स्वास्थ्य मंत्रालय के इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कोरोना को लेकर दो अध्ययन किए जा रहे हैं। इसमें पहला अध्ययन कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को अब किस तरह की दिक्कतें आ रही है, इस पर आधारित है | जबकि दूसरा कई मरीजों में वायरस तो है, लेकिन उसके लक्षण भी नहीं दिखाई दे रहे हैं।

उनके मुताबिक अध्ययन में ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जिनमें अम्ल और क्षार का संतुलन बिगड़ा हुआ मिल रहा है। जांच के दौरान डॉक्टरों को इसकी पहचान हो रही है। उन्होंने बताया कि रिपोर्टिंग फॉर्म के जरिए यह सभी जानकारी इक्कठा और अपडेट की जा रही है, ताकि कोरोना संक्रमण के नए बदलाव से चिकित्सीय क्षेत्र अवगत कराया जा सके |

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक अभी तक की रिसर्च में ज्यादातर मरीजों में चार तरह के लक्षण देखे गए है | बताया जाता है कि देश में फैले कोरोना संक्रमित मरीजों में सबसे अधिक चार तरह के लक्षण सामान्यतः सामने आ रहे है | इनमें बुखार के अलावा खांसी, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ शामिल है। जबकि एक चौथाई मरीजों में बुखार का लक्षण सर्वाधिक देखने को मिल रहा है।

उधर रिसर्च में यह भी पाया गया कि 80 फीसदी मरीज बगैर लक्षण वाले नजर आये | आंतरिक सर्वे का हवाला देते हुए कुछ डॉक्टरों ने बताया कि देश में संक्रमित मरीजों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है अगर इनकी चिकित्सीय स्थिति पर गौर करें तो करीब 80 फीसदी मरीज बगैर लक्षण वाले हैं। जो कुछ समय पहले तक 60 से 70 फीसदी के बीच थे।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली एम्स सहित करीब आधा दर्जन प्रमुख चिकित्सीय संस्थानों में जांच के दौरान मरीजों में नए लक्षण पाए गए | इसमें करीब तीन फीसदी कोरोना संक्रमित ऐसे मरीज हैं, जिनमें सांस तेज होने की शिकायत है। जबकि 0.51 फीसदी को घबराहट, 0.66 फीसदी को आवाज में बदलाव, पांच फीसदी मरीजों को गले में या सीने में जलन जैसी परेशानी देखने को मिल रही है। स्वास्थ मंत्रायल का मानना है कि इस दिशा में रिसर्च जारी है और इसके उपचार की विधियों पर भी वैज्ञानिक कार्य कर रहे है |

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