नई दिल्ली / अब इंजीनियर बनने के लिए गणित , भौतिक और रसायन शास्त्र की पढाई जरूरी नहीं होगी | इन विषय के बगैर भी आप इंजीनियर बन सकते है | अभी तक कक्षा दसवीं के बाद गणित विषय लेकर इंजीनियर तक का सफर तय होता था | लेकिन अब ये दिन लद गए है | अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद अर्थात AICTE ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बारहवीं कक्षा में गणित, भौतिक और रसायन विज्ञान विषय की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए अपने नियमों में संशोधन करते हुए बारहवीं कक्षा में गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान विषय की पढ़ाई की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए ऐसे छात्रों को इंजीनियरिंग का मौका दिया है , जो पीसीएम अर्थात फिजिक्स , कैमस्ट्री और मेथ्स से दूरियां बनाए हुए थे | यह निर्णय “विविध पृष्ठभूमि” से इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए आने वाले छात्रों को राहत देने के लिए लिया गया है।
इस नए फैसले को लागू भी कर दिया गया है | अब इस साल से जिन विद्यार्थियों ने बारहवीं कक्षा में भौतिकी, गणित व रसायन विज्ञान की पढ़ाई नहीं की होगी, वे भी इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। छात्रों को एआईसीटीई के संशोधित नियमों के अनुसार, इंजीनियरिंग के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने में सक्षम होने के लिए बारहवीं कक्षा में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों की जरूरत होगी | 14 विषयों की सूची में से तीन विषयों में उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा। संशोधित नियमों में तकनीकी नियामक ने 14 विषयों- भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, व्यावसायिक अध्ययन, अंत्रप्रेन्योरशिप विषयों को सूची में शामिल किया है।
विविध पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय उपयुक्त पाठ्यक्रम जैसे कि गणित, भौतिक, इंजीनियरिंग ड्राइंग इत्यादि पेश करेगा। अभी तक बीई, बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए बारहवीं कक्षा में गणित और भौतिक विषय जरूरी होता था, लेकिन अब इसकी अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। एआईसीटीई की नई रूल बुक के मुताबिक, अब इंजीनियरिंग के स्नातक कोर्सों एवं टेक्नोलॉजी कॉलेजों में दाखिले के लिए बारहवीं में गणित और भौतिक विषय की अनिवार्यता नहीं रहेगी। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से विविध पृष्ठभूमि के छात्र भी इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। इस नए फैसले से देशभर के हजारों इंजीनियरिंग कॉलेजों की रौनक लौट सकेगी | दरअसल हाल ही के कुछ वर्षो में इंजीनियरिंग के प्रति छात्रों का मोहभंग हुआ है | ऐसे समय यह फैसला मुश्किलों का सामना कर रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए मील का पत्थर साबित होगा |